क्यूँ है भारतीय थाली खास? | Why is Indian thali so special in Hindi?

भारतीय थाली एक संतुलित थाली है जो पोषण से भरपूर, रंगीन और स्वाद से भरपूर होती है। खास बात यह है कि भारतीय थाली क्षेत्र से क्षेत्र भिन्न होती है और इसके ऊपर ऐतिहासिक, धार्मिक, भौगोलिक, संस्कृतियों का बहुत बड़ा प्रभाव है।

about nutritious indian thali

भारतीय थाली, विभिन्न क्षेत्रों में सांस्कृतिक, भौगोलिक, कृषि और आहार संबंधी कारकों के आधार पर भिन्न होती है, जिसमें उस क्षेत्र के मूल व्यंजन शामिल होते हैं। उदाहरण के तौर पर बात करे तो इसमें पंजाबी थाली, महाराष्ट्रियन थाली, राजस्थानी थाली, दक्षिण भारतीय थाली और गुजराती थाली जैसे कई विभिन्न प्रकार की थालियां शामिल है।

असल में थाली एक गोल छिछला बर्तन है जिसका उपयोग एक ही समय में सभी भोजन परोसने के लिए किया जाता है। भारत के अधिक तर हिस्सों में खाना परोसने के लिए स्टील की थाली का इस्तमाल होता है। वही , कुछ जगहों पर पारंपरिक रूप से पीतल, तांबे तथा चांदी के थालियों में भी भोजन परोसा जाता है। अगर हम दक्षिण भारत की बात करे तो यहां खासकर मंदिरों, विवाहों और त्योहारों में आमतौर पर केले के पत्तों का इस्तमाल भोजन परोसने के लिए आज भी प्रचलित है।

आमतौर पर भारतीय थाली में चावल, रोटी या दोनों, दाल, सब्जियां, करी, साइड डिश, दही, मीठे व्यंजन, पापड़, रायता, चटनी और आचार जैसे व्यंजन शामिल होते है। चावल और रोटी भारतीय थाली में परोसे जानेवाले मुख्य व्यंजन माने जाते है और इन्हें अक्सर थाली के बीच में रखा जाता है। सामान्य तौर पर दाल, सब्जियां, करी, दही, सब्जी जैसे अन्य व्यंजनों को छोटी - छोटी कटोरी में थाली के किनारों पर पंक्ति में रखा जाता है। हर एक व्यंजन पोषण से भरपूर होता है। आइए जानते है व्यंजनों के बारे में जो मुख्य रूप से भारतीय थाली को सजाते है।
 
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रोटी | Roti is the starter of Indian Thali

एक पारंपरिक भारतीय थाली आमतौर पर कई तरह की ब्रेड से शुरू होती है, जैसे कि पूरियां, चपाति और रोटियांबाजरे की रोटी, रागी की रोटी, ज्वार की रोटी, मक्की की रोटी, अक्की रोटी और चपाती पूरे भारत में सबसे आम रोटियां हैं। दिलचस्प बात है कि यह एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, थेपला गुजरात में सबसे अधिक प्रचलित है, जबकि पंजाब में पराठा और मक्की दी रोटी प्रचलित है। इसके अतिरिक्त राजस्थान में बाजरे की रोटी खाई जाती है, तो गुजरात में थेपला सबसे आम है।

चावल | Cooked rice is common dish in Indian thali

भारत के हर एक क्षेत्र के थाली में चावल को मुख्य भोजन के रूप में शामिल किया जाता है। यह उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम तक के भोजन में एक आवश्यक घटक है। विशेष रूप से दक्षिण भारतीय थाली में, चावल मुख्य व्यंजन होता है और अगर यहां थाली में रोटी नहीं परोसी गयी है तो कोई ध्यान भी नहीं देगा।

दाल | Dal must have dish in Indian thali 

दालों के बिना भारतीय थाली की कल्पना ही नहीं की जा सकती। प्रत्येक भारतीय थाली में एक दाल हमेशा मौजूद होती है। यह रोटी और चावल के लिए एक अच्छी संगत मानी जाती है। दाल बनाने के लिए मूंग, मसूर, उड़द राजमा, लोबिया और तूर दाल आम हैं। हालाँकि, कुछ साबुत दालें, जैसे मूंग, मोठ, कुल्थी, और चना, पकाने से पहले भिगोई और अंकुरित की जाती हैं। पोषण के मामले में, दालें महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे फाइबर, विटामिन, खनिज और प्रोटीन से भरी होती हैं।

सब्जी | Nutri-dense sabji makes Indian thali tasty and healthy

भारतीय थालियों में हमेशा स्वादिष्ट सब्जी को समर्पित एक कोना होता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मौसम के आधार पर विभिन्न सब्जियों का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, उनकी तैयारी के तरीके भी भौगोलिक रूप से और एक दूसरे से भिन्न होते हैं। हालाँकि, कुछ सब्जियाँ, जैसे भिंडी, मेथी, और बैंगन, पूरे भारत में सबसे आम हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि सरसो का साग पंजाबी थालियों का बहुमत है, जबकि बटाटा ची भाजी महाराष्ट्रीयन थालियों पर हावी है।

अचार | Pickle gives twist to Indian Thali 

थोड़ा सा अचार भारतीय थाली को और भी मजेदार बना देता है। जबकि आम का आचार देश भर में सबसे लोकप्रिय है। सिर्फ यही नहीं , नींबू का अचार, आंवले का अचार, अदरक का अचार, गाजर का आचार और प्याज के अचार सहित अचार की अन्य प्रकार भी आसानी से उपलब्ध हैं। आमतौर पर आचार किण्वन द्वारा बनाया जाता है और महत्वरूप से यह पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है।

पापड़ | Crunchy Papad with Indian thali is amazing accompaniment

भारतीय थाली में और क्या है! विनम्र पापड़ भी थाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह आमतौर पर सूखे दाल या अनाज के आटे से बनाया जाता है। इसे तो तला या भुना दोनों तरीकों से बनाया जा सकता है। कुरकुरे पापड़ भारतीय थाली को एक साधारण ट्विस्ट देते हैं।

चटनी | Chutney gives super kick to Indian Thali

पापड़ और अचार की तरह, चटनी भी हर भारतीय थाली में स्वाद का तड़का लगाती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि थाली किस प्रकार की है, चाहे वह गुजराती हो या दक्षिण भारतीय। एक चटनी किसी भी डिश को एक किक दे सकती है क्योंकि यह ताजी जड़ी-बूटियों, फलों, सब्जियों और मसालों का उपयोग करके बनाई जाती है। नारियल की चटनी, पुदीने की चटनी, इमली की चटनी और टमाटर की चटनी पूरे भारत में सबसे लोकप्रिय चटनी हैं।

रायता /सलाद | Salad/Raita adds more nutrition to Indian thali

भारतीय थाली में रायता या सलाद भी मिलता है। थाली में टमाटर, प्याज, चुकुंदर, गाजर की कटे हुई स्लाइसेस जरूर देखने को मिलेगी। जब इन्हीं सब्जियों को दही और जड़ी-बूटियों के साथ मिलाया जाता है, तो वही सब्जियां एक स्वादिष्ट रायता बनाती हैं, जो एक बहुत ही आकर्षक व्यंजन है।

पाचक पेय | Digestive drink always served with Indian thali for Diestion

भारतीय थाली के साथ हमेशा पाचक पेय भी परोसे जाते है जिसमें मुख्य रूप से दही, छास, और सोलकढ़ी शामिल है। अगर इनमें से दही की बात करे तो यह एक दूध आधारित पेय है जिसमें अच्छे बैक्टीरिया होते हैं और अच्छे पाचन में सहायता करते हैं। इसके अलावा छास भी दही आधारित पेय है जो हमारे शरीर को ठंडा करता है और बेहतर पाचन में सहायक होता है। आपको बता दे तो महाराष्ट्रा के कोकण और गोवा क्षेत्रों में, सोलकढ़ी एक प्रचलित पारंपरिक पेय है जिसे अक्सर बेहतर पाचन के लिए मांसाहारी भोजन के साथ परोसा जाता है।

उम्मींद करती हूँ कि इस पोस्ट में आपने भारतीय थाली(Indian Thali) के बारे में जान ही लिया होगा। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आयी तो इस पोस्ट अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा करे।
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