About Pearl Millet in Hindi हमारे देश में विभिन्न प्रकार के अनाज उपलब्ध हैं। इन्हीं में से कुछ अनाज ऐसे है जिनका सेवन हमारे देश में हजारों सालों से किया जा रहा है। और देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के मुख्य आहार में ये भिन्न हो सकते है। इसी तरह, भोजन में उनका उपयोग करने का तरीका भी एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न हो सकता है।
खास तौर पर बाजरा, रागी ज्वार जैसे मोटे अनाज हमारे भारतीय भोजन का प्रमुख हिस्सा रहे है। बाजरा भी इन्हीं में से ही एक है। बाजरे की फसल कठोर और सूखा प्रतिरोधी फसल है, यही वजह है कि यह व्यापक रूप से शुष्क और अर्धशुष्क जलवायु में अच्छे से पनपती है।
भारत के कई क्षेत्रों में, विशेष रूप से राजस्थान, गुजरात और हरियाणा जैसे राज्यों में इसका सेवन मुख्य भोजन के रूप में किया जाता है। बाजरे के आटे का उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन जैसे कि रोटी, भाकरी और दलिया बनाने के लिए किया जाता है। खासकर 'बाजरे की रोटी' हमारे देश के कुछ क्षेत्रों में बहुत ही लोकप्रिय है।
बाजरा के दाने मोतियों जैसे दिखते है, इसी वजह से इन्हें इंग्लिश में 'Pearl Millet' कहा जाता है। आपको बता दे तो बाजरे को अत्याधिक पौष्टिक अनाज माना जाता है। पोषक तत्वों के मामले में बाजरा खास है क्योंकि बाजरा आहार फाइबर, प्रोटीन, खनिज (जैसे लोहा और मैग्नीशियम) और विटामिन का अच्छा स्त्रोत है।
बाजरा ग्लूटेन मुक्त अनाज है जो स्वादिष्ट होने के साथ साथ सेहत के लिए भी लाभदायक होता है। हाल ही में किए गए कई अध्ययन के बताते है कि गेहूं और चावल की तुलना में बाजरा अधिक स्वास्थ्य कारक है। बाजरे के पोषक तत्व इसे पाचन, मधुमेह नियंत्रण और समग्र स्वास्थ के लिए इसे फायदेमंद बनाते है।
खाने के अलावा बाजरे का उपयोग पशुओं के लिए चारे के रूप में भी किया जाता है। अपने पोषण मूल्यों के कारण और कम वर्षा और ख़राब मिट्टी की उर्वरता वाले क्षेत्रों में उगाने की क्षमता के कारण इसे मूल्यवान मान जाता है। आइए जानते है इस पौष्टिक अनाज के बारे में सब कुछ जो आपको जानना जरुरी है।
- क्या होता है बाजरा ? | What is Bajra/Pearl Millet in Hindi?
- बाजरे का वैज्ञानिक नाम | Bajra Scientific name
- बाजरे का पौधा कैसे होता है? | Bajra /Pearl Millet plant in Hindi
- भारतीय भाषाओं में बाजरे का नाम | Meaning of Pearl Millet/ Bajra in Different Indian Languages
- क्या होते है बाजरे के पोषक तत्व ? | Bajra nutrition facts 100g in Hindi
- बाजरा के उपयोग | Uses of Pearl Millet / Bajra in Hindi
- क्या होते है बाजरा खाने के फायदे ? | Benefits of eating Pearl Millet/Bajra in Hindi
- बाजरा खाने के नुकसान | Side Effects of Pearl Millet
बाजरा क्या है ? | What is Bajra/Pearl Millet in Hindi? | Bajra Kaisa Hota Hai
बाजरा का वानस्पतिक नाम पेनिसिटम ग्लौकम है और यह पोएसी परिवार से संबंधित एक बहुउद्देशीय अनाज की फसल है [1]। यह एक प्रकार की खाद्य फसल है जिसे मुख्य रूप से इसके बीज और चारे के लिए उगाई जाती है।बाजरे की विशेषता ये है कि यह सबसे प्रतिकूल कृषि-जलवायु परिस्थितियों, जैसे सूखा, कम मिट्टी की उर्वरता और उच्च तापमान में बढ़ने के लिए अच्छी तरह से अनुकूलित है[2]।
बाजरे के दानों की गिनती मोटे अनाजों में होती है और यह एक स्टार्च युक्त अनाज है। माना जाता है कि बाजरा अफ्रीका का मूल निवासी है। हालांकि, कुछ संशोधनों के अनुसार भारत में लगभग दो हजार वर्षों से बाजरा उगाए जाने के प्रमाण मिले है।[3],[4],[5]
खास बात यह है कि बाजरा गरीब और छोटे भूमिधारकों का मुख्य भोजन है[6]। इसीलिए इसे गरीबों का अनाज भी कहा जाता है। हमारे देश में ज्यादातर बाजरे के आटे से रोटी बनाई जाती है जिसका सेवन मुख्य भोजन के रूप में बड़े पैमाने पर होता है। लेकिन इससे और भी कई तरह के व्यंजन बनाए जाते है।
बाजरे का वैज्ञानिक नाम | Bajra Scientific name in Hindi | Bajra Botanical Name
बाजरे का पौधा कैसे होता है? | Bajra /Pearl Millet plant in Hindi | Bajre ka Paudha | Bajra ki Fasal
बाजरा (पेनिसिटम ग्लौकम) एक प्रकार की घास है जो पोएसी परिवार से संबंधित है। हमारे देश में बाजरे की घास की खेती मुख्य रूप से अनाज के लिए की जाती है। अगर आप बाजरे के पौधे के बारे में नहीं जानते तो आज हम इस पोस्ट में जानेंगे की बाजरे का पौधा कैसा होता है?Plant of Pearl Millet in Hindi |
बाजरा एक मजबूत घास है जो प्रारंभिक समय में गुच्छों में बढ़ जाता है और किस्म के अनुसार लगभग 4 मीटर तक बढ़ जाता है। इसका तना अक्सर पुष्पगुच्छ के नीचे घनी खारा, 1-2 सेंटीमीटर या अधिक व्यास वाला, और ठोस होता है।[5]
मुख्य डंठल एक या एक से अधिक प्राथमिक टिलर को जन्म देता है जो जमीन की सतह पर या नीचे और मुख्य टिलर के समान ऊंचाई पर निकलते हैं। विपत्ति के समय में, सभी टिलर उत्पादक फलक सहन कर सकते हैं, जो जीवित रहने के लिए महत्वपूर्ण हैं।[5]
पौधे की पत्तियां हरे रंग की, लंबी, खुरदरी, पतली, और भालाकार होती हैं, जिसमें चिकनी या बालों वाली सतह और बालों वाले लिगुल होते हैं। बाजरे की पत्तियां 100 से. मी तक लंबी और 5 से 8 से. मी चौड़ी होती है और इनकी मध्य शिरा सीधी और झुकी हुई हो सकती है।[5]
Leaf of Pearl Millet in Hindi |
Flower of Pearl Millet in Hindi |
Seeds of Pearl Millet in Hindi |
बाजरे के दाने कैसे होते है? | Pearl millet/Bajra grain In Hindi | Bajra Kaisa Hota Hai
बाजरे के दानों के बाहरी भूसे का रंग गहरे बैंगनी से लेकर भूरे या पुआल रंग का हो सकता है। वही, दाने की सतह पर धारियां या सूक्ष्म उभार दिखाई देती है।[5]
भारतीय भाषाओं में बाजरे का नाम | Meaning of Pearl Millet/ Bajra in Different Indian Languages
बाजरे का वानस्पतिक नाम पेनिसिटम ग्लौकम है और इसे इंग्लिश में (meaning of bajra in English) Pearl Millet के नाम से जाना जाता है। भारत में, बाजरे को कई नामों से जाना जाता है। आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि भारत में अलग अलग भाषा में बाजरे को क्या नाम से जाना जाता है।
- बाजरे का नाम कन्नड़ा में ( Bajra/Pearl millet meaning/name in Kannada) - सज्जे;
- बाजरे का नाम तमिल में ( Bajra/Pearl millet meaning/name in Tamil) - काम्बु;
- बाजरे का नाम तेलुगु में ( Meaning of Bajra/Pearl millet in Telugu) - सज्जालु;
- बाजरे का नाम मलयालम में ( Bajra/Pearl millet meaning/name in Malayalam) - काम्बु;
- बाजरे का नाम मराठी में (Meaning of Bajra/Pearl millet in Marathi) - बाजरी;
- बाजरे का नाम गुजराती में ( Bajra/Pearl millet meaning/name in Gujarati) - बजरी;
- बाजरे का नाम बंगाली में ( Bajra/Pearl millet meaning/name in Bengali) - बाजरा;
- बाजरे का नाम पंजाबी में ( Meaning of Bajra/Pearl millet in Punjabi) - बाजरा।
बाजरे का स्वाद कैसा होता है ?| Pearl Millet/Bajra taste in Hindi
भारत में बाजरा कहाँ उगाया जाता है?| Pearl millet/Bajra grown States in India | bajra producing states in India
बाजरा(pearl millet in Hindi) एक मोटे अनाज की फसल है जो भारत में हजारों सालों से उगाई जा रही है। बाजरा चावल, गेहूं और मक्का के बाद भारत में चौथी सबसे व्यापक रूप से उगाई जाने वाली खाद्य फसल है।[2]
प्रमुखतौर पर बाजरे के खेती देश के शुष्क एवं अर्ध शुष्क क्षेत्रों में बाजरे की खेती प्रमुख खाद्य और चारे के लिए की जाती है। भारत में अधिकांश बाजरा बरसात के मौसम में उगाया जाता है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में यह गर्मी के मौसम या रबी के मौसम में भी उगाया जाता है।[2]
बाजरे में कौन से पोषक तत्व होते है? | Nutrients of Bajra/Pearl Millet In Hindi | bajra nutrition facts 100g in Hindi
बाजरा विभिन्न पोषक तत्वों का भंडार है। गुल्टन मुक्त होने के साथ साथ बाजरा प्रोटीन से भरपूर होता है और यह एक लौह का अच्छा स्रोत माना जाता है। प्रोटीन के साथ साथ इसमें फाइबर की मात्रा भी ज्यादा होती है। आगे हम जानेंगे की बाजरे में कौन से पोषक तत्व पाए जाते है?
- बाजरे में पोषक मूल्य प्रति 100 ग्राम | Bajra nutrition facts 100g
Nutritional value of Pearl millet in Hindi |
बाजरा के उपयोग | Uses of Pearl Millet / Bajra in Hindi
बाजरा यह एक घास परिवार से संबंधित फसल है जिसके दानों का इस्तेमाल अनाज के रूप में भोजन में होता है। साथ ही, इसके चारे का उपयोग भी पशुओं के लिए भोजन के रूप में होता है। हालही के वर्षो में, नई तकनीक के आधार पर इसका उपयोग ईंधन बनाने के लिए भी किया जा रहा है। इस पोस्ट में, हम जानेंगे कि हमारे देश में बाजरा का उपयोग कैसे किया जाता है।
व्यंजनों में | Cooking use of Pearl millet/Bajra in Hindi
आमतौर पर बाजरे के दानों को पीसकर इसका उपयोग रोटी बनाने के लिए किया जाता है। देखा जाए तो भारत में बाजरे के रोटी लगभग, उत्तरी क्षेत्रों से लेकर पश्चिमी और दक्षिण क्षेत्रीय हिस्सों में लोगों का प्रमुख भोजन है। और इसे बनाने का तरीका भी क्षेत्र के अनुसार भिन्न होता है।बाजरे से बनाए जानेवाली खिचड़ी राजस्थान और हरियाणा में लोगों का प्रमुख भोजन है और यह खास तौर पर सर्दियों में बनायीं जाती है।
कम्बू कूज़ यह एक दक्षिण भारत में गर्मी के दिनों में बनाए जानेवाला ताजा पेय है। इसके अलावा दक्षिण भारत में बाजरे से इडली और डोसा भी बनाया जाता है।
आजकल तो बाजरा मल्टीग्रैन कूकीज़ में भी शामिल होता है। साथ ही, महाराष्ट्र में बाजरे से पापड़ भी बनाए जाते है। इसके अतिरिक्त बाजरे की राबड़ी राजस्थान का बहुत ही लोकप्रिय व्यंजन है जो बच्चों से लेकर बड़ो तक सबको पसंद आता है।
पशुओं के लिए | Pearl millet use as a fodder for animals in Hindi
आमतौर पर बाजरे की खेती उनके दानों के लिए की जाती है। लेकिन बाजरे की कुछ ऐसी भी संकरित प्रजाति है जो सिर्फ चारे के लिए उगाई जाती है। क्योंकि बाजरे का चारा जानवरों के लिए अच्छा माना जाता है।बाजरे की चारे की कटाई 1 मीटर बढ़ने तक की जाती ताकि उसके पोषण मूल्य कम ना हो। इसके अलावा कभी कभी बाजरे के दानों को पीसकर उसका उपयोग पशुओं को खिलाने के लिए अन्य अनाजों के साथ किया जाता है।
ईंधन के रूप में | Biofuel use of pearl millet in Hindi
हमारा देश घरेलु ईंधन की खपत के लिए आयातित कच्चे तेल के लिए अन्य देशों पर निर्भर है। यही कारण है कि हमारे देश का बहुत सा पैसा इन्हें खरीदने के लिए खर्च होता है।पेट्रोलियम भंडार की कमी और ग्लोबल वार्मिंग के बारे में बढ़ती चिंता के कारण दुनियाभर में वैकल्पिक ईंधन में दिलचस्पी बढ़ी है और इसके लिए जैवईंधन एक अच्छा विकल्प माना जाता है।
हमारे देश की सरकार द्वारा जैवईंधन के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई पहल की गई है। और इसके लिए एथेनॉल घटक महत्वपूर्ण होता है। एथेनॉल बनाने के लिए सेल्यूलोज और हेमिकेलुलोज ये दो प्रमुख घटक होते है।[8]
किए गए कुछ संशोधन के अनुसार बाजरा बायोमास में ये दोनों घटक मौजूद होते है। इसीलिए जैव ईंधन बनाने के लिए ज्वार के साथ बाजरा का भी इस्तमाल किया जाता है। [8]
बाजरा खाने के फायदे क्या होते है? | Benefits of eating Pearl Millet/Bajra in Hindi | Bajra Khane Ke Fayde
Health Benefits of Pearl Millet in Hindi |
अन्य अनाजों की तरह ही बाजरा भी पोषक मूल्यों से भरपूर होता है। ग्लूटेन मुक्त होने के साथ बाजरा एक अत्यधिक पौष्टिक अनाज है, और यह पोषक तत्वों की तुलना में और कैलोरी, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों में अन्य बड़े अनाज से भी बेहतर है[9]। साथ ही, बाजरे में चावल, ज्वार और मक्का की तुलना में ज्यादा प्रोटीन की मात्रा होती है। हमारे शरीर को स्वस्थ और मजबूत रखने में प्रोटीन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
हमारा लक्ष्य ये है कि आपको बाजरे के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना। यदि आप बाजरा खाने के फायदों के बारे में नहीं जानते तो यह पोस्ट आपको बाजरा के फायदों के बारे में जानने के लिए मदद करेगी।
ग्लूटेन मुक्त | Bajra/Pearl Millet is gluten free
हमारे देश में कुछ दशक पहले मोटे अनाजों का सेवन बहुत ज्यादा किया जाता था लेकिन हरित क्रांति के बाद गेहू का खाने में इस्तमाल बड़े पैमाने पर किया जाने लगा। परंतु गेहूं में ग्लूटन होता है जिसके कारण कुछ लोगों को इसके सेवन से एलर्जी हो सकती है[10]।बाजरा ग्लूटेन मुक्त अनाज है और यह एक मात्रा अनाज ऐसा है जो पकने के के बाद भी अपने क्षारीय गुणों को बर्खरार रखता है। इसीलिए यह गेंहू से एलर्जी वाले लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है।[11]
दूसरी ओर, एक अन्य अध्ययन में कहा गया है कि ग्लूटेन गेहूं, जौ और राई में मौजूद एक प्रोटीन है जो सीलिएक रोग का कारण बनता है, जिसे ग्लूटेन-सेंसिटिव एंटरोपैथी भी कहा जाता है [12]। इसीलिए सीलिएक रोगियों के लिए आमतौर पर ग्लूटेन मुक्त आहार की सिफारिश की जाती है[13]।
बाजरे के ग्लूटेन मुक्त स्वभाव के कारण, इसका उपयोग लस मुक्त खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में किया जा सकता है जो सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं[6]।
आयरन से भरपूर | Bajra/Pearl Millet is high in iron
आयरन हिमोग्लोबिन के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है[14]। हिमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाए जाने वाला एक प्रकार का प्रोटीन है जो उन्हें रक्त वाहिकाओं की मदद से फेफड़ो से शरीर के शेष भागों में ऑक्सिजन परिवहन करने में मदद करता है[15]।पर्याप्त आयरन के बिना, शरीर पर्याप्त हीमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं कर सकता और इस प्रकार यह खराब ऑक्सीजन आपूर्ति का कारण बनता है। साथ ही, आयरन के कमी से होने वाला एनीमिया बीमारी भी अपर्याप्त आयरन के कारण होती है [16]।
आपको बता दे तो आयरन के कमी को दूर करने के लिए बाजरा का सेवन लाभकारी हो सकता है। एक अध्ययन में बताया गया है कि बाजरा में लौह और जिंक प्रचुर मात्रा में होते है जो हिमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में और एनीमिया को रोकने में मदद करते है [1]।
मधुमेह के लिए फायदेमंद | Bajra/Pearl Millet Benefit for Diabetes in Hindi
माना जाता है की मोटे अनाज हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते है। बाजरा(bajra) भी उन्हीं में से ही एक है जिसके खाने के कई सारे फायदे होते है। खास तौर पर मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बाजरा का सेवन अच्छा माना जाता है।ग्लाइसेमिक इंडेक्स(GI) यह एक माप है जो हमें ये बताता है कि खाना हमारे रक्त शर्करा को कितना प्रभावित करता है। इसके ऊपर किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि कम ग्लाइसिमिक इंडेक्स(GI) वाला आहार मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा नियंत्रण, रक्त लिपिड और चयापचय किय्रा में भी सुधार करता है [17]।
बाजरा की गिनती मोटे अनाजों में होती है और इसका ग्लाइसिमिक इंडेक्स कम होता है [18]। एक अन्य अध्ययन के अनुसार, बाजरे का कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स, जिसके कारण यह अधिक धीरे-धीरे से पचता है और अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में धीमी गति से ग्लूकोज बनाता है, यही वजह है जो इसे मधुमेह के लोगों के लिए फायदेमंद बनाता है। साथ ही, यह मधुमेह रोगियों में लंबे समय तक रक्त शर्करा नियंत्रण में प्रभावी रूप से सहायता करता है। [1]
वजन कम करने में फायदेशीर | Bajra/Pearl Millet can help to lose weight in Hindi
आजकल की बदलती जीवन शैली में लोग भूख लगने पर पैकेजड़ और कैलोरी युक्त आहार का अत्याधिक सेवन करते है। इस तरह के अस्वास्थ्यकर भोजन से मोटापा बढ़ जाता है।आपको तो पता ही होगा की मोटापा से कई सारी परेशानिया बढने लगती है। इसलिए, वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों के सामने खाने की आदतों को नियंत्रित करना सबसे बड़ी चुनौती होती है।
अगर आप मोटापा या वजन बढ़ने से परेशांन है तो आप बाजरा को अपने आहार में शामिल कर सकते है। क्योंकि बाजरा वजन घटाने की प्रक्रिया में मदद कर सकता है। इसकी उच्च फाइबर सामग्री के कारण अनाज को पेट से आंतों तक जाने में अधिक समय लगता है। इस तरह, बाजरा लंबे समय तक भूख को तृप्त करता है और इस प्रकार भोजन की समग्र खपत को कम करने में मदद करता है। [19]
एनीमिया में लाभदायक | Bajra is beneficial in Iron-Deficiency Anaemia in Hindi
आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया अपर्याप्त आयरन के कारण होता है[20]। यदि खराब आहार सेवन के कारण आयरन का सेवन अपर्याप्त है , तो इसके परिणामस्वरूप एनीमिया हो सकता है। इसे आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया कहा जाता है। [21]बाजरा में लौह की मात्रा उच्च होती है इसलिए आयरन के कमी के कारण होने वाली एनीमिया बीमारी में बाजरे का सेवन लाभदायक हो सकता है[22]।
एनीमिया से पीड़ित व्यक्तियों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि बाजरा का भोजन या पेय के रूप में सेवन नियमित आहार की तुलना में हिमोग्लोबिन के स्तर में वृद्धि करने के साथ साथ जैवउपलब्ध लौह में भी वृद्धि कर सकता है। यही कारण है की, बाजरा लौह की कमी के कारण होनेवाली एनीमिया को कम कर सकता है।[23]
पाचन तंत्र के लिए लाभदायक | Bajra helps to prevent a number of digestive issues in Hindi
बाजरा में, मनुष्यों के लिए भोजन के स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण क्षमता है क्योंकि यह लस मुक्त है और इसमें चावल जैसे अन्य अनाज की तुलना में अधिक पोषक तत्व होते हैं[24]।हमारा पाचन तंत्र स्वस्थ ना होने पर हमें कब्ज, पेट फूलना, गैस, जैसे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है| बाजरा में फाइबर की मात्रा उच्च होती है जो हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। अगर आप कब्ज से परेशांन है तो अपने उच्च फाइबर सामग्री के कारण बाजरा कब्ज से निपटने में मदद कर सकता है।[25] यही वजह है कि आप अपने आहार में बाजरे को शामिल कर सकते है।
दूसरी ओर एक अध्ययन में बताया गया है कि बाजरा बहुत कम अनाजों में से एक है जो पेट को क्षारीय करता है और पेट के अल्सर को रोक सकता है या अल्सर के प्रभाव को कम कर सकता है। इसीलिए पेट के इलाज के लिए अक्सर बाजरे की सलाह दी जाती है।[9]
ह्रदय के लिए फायदेमंद | Bajra / Pearl Millet is good for heart health in Hindi
बाजरा ह्रदय की सुरक्षा के लिए फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें लिग्निन और फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करते हैं। साथ ही, बाजरा में उच्च मात्रा में मैग्नीशियम होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है।[9]वही, दूसरी ओर किए गए एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला है कि मोटे अनाजों के सेवन से हाइपरलिपिडिमिया और उच्च रक्तचाप कम होता है, साथ ही एचडीएल-सी (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ता है, जो उच्च रक्तचाप और एथेरोस्क्लोरोटिक हृदय रोग को रोकने में मदद कर सकता है।[26]
बाजरा खाने के नुकसान | Side Effects of Pearl Millet/Bajra in Hindi | Bajra Side Effects in Hindi
1. बाजरा में गोइट्रोजन (Goitrogens) होता है जो थायराइड हार्मोन के उत्पादन को उत्तेजित करता है और थायराइड ऊतक वृद्धि (बढ़े हुए टीएसएच उत्तेजना से) को बढ़ावा देते हैं जिससे गोइटर का विकास होता है[27]। इसलिए जो लोग थायराइड जैसे बीमारी से परेशान है उन लोगों ने बाजरे का सेवन नहीं करना चाहिए।
2. बाजरा में ऑक्सालेट होता है जो एक विरोधी पोषक तत्व होता है। जिन्हें किडनी स्टोन जैसे परेशानी है उन लोगों को बाजरे के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से आपकी परेशानी बढ़ सकते है[28]।
3. कुछ रिसर्च बताते है की बाजरे में कुछ फायटेट, ऑक्सलेट्स और अन्य विरोधी पोषक तत्व पाए जाते है जो आयरन, फास्फोरस, जिंक जैसे अन्य लाभकारी पोषक तत्वों के अवशोषण को अवरुद्ध या बाधित कर सकते है[29][30]।
बाजरे से संबंधित अन्य जानकारी | Other Information About Bajra/Pearl Millet Bajra in Hindi
बाजरे को कैसे खाए ? | How to eat Pearl Millet/Bajra In Hindi?
बाजरा ये एक मोटा अनाज है जो हमारे देश में सदियों से खाया जा रहा है। बाजरा स्वादिष्ट होने साथ साथ सेहत के लिए फायदेमंद होता है। आमतौर पर बाजरे के आटे से रोटी बनाकर खाई जाती है। लेकिन आप इसका इस्तेमाल करके कई सारे व्यंजन बना सकते है। आप बाजरे की खिचड़ी, उपमा बनाकर खा सकते है।
बाजरे की तासीर कैसी होती है?
बाजरे की तासीर गर्म होती है इसलिए इसे ज्यादातर सर्दियों के दिनों में खाया जाता है।
आज हमने इस पोस्ट में बाजरे के बारे में सभी जानकारी (All Information About bajra/Pearl Millet In Hindi) देने का प्रयास किया है। इस पोस्ट में हमने जाना की बाजरा क्या है? , बाजरे में उपलब्ध पोषणमूल्य, बाजरे के उपयोग, बाजरा खाने के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा की। अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो शेयर करे और अपनी राय जरूर दे।
(अस्वीकरण: इस पोस्ट में दी गई जानकारी और सूचनाएं सामान्य उद्देश्य के लिए हैं और ये किसी भी चिकित्सा का विकल्प नहीं है। किसी भी अधिक जानकारी के लिए अनुभवी चिकित्सक या किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले। यह वेबसाइट इस जानकारी के लिए किसी भी तरह की जिम्मेदारी के लिए दावा नहीं करती।)