जानिए यहां हल्दी क्या है(haldi kya hai)?, हल्दी खाने के फायदे( haldi Ke fayde)और नुकसान, हल्दी के उपयोग (haldi ka upyog), एवं हल्दी के बारे में अन्य जानकारी | Know here about all information about turmeric in Hindi
Information of Turmeric in Hindi क्या आप सोच रहे है कि हमारी करी या सब्जियों को सुनहरा पीला रंग कैसे मिलता है? आपको बता दे तो वह हल्दी ही है जो हमारे भारतीय व्यंजनों को एक अच्छा रंग देती है। और इसे कौन नहीं जानता, हल्दी हमारे देश का सबसे लोकप्रिय मसाला है जो हर घर के मसाला के डिब्बे में अपना विशेष स्थान रखता है। यह न हमारे भारतीय व्यंजनों को पीला-सुनहरा रंग देती है, बल्कि उनका स्वाद भी बढ़ाती है।
प्राचीन काल से ही, हमारे देश में हल्दी का उपयोग केवल व्यंजनों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका इस्तमाल धार्मिक अनुष्ठानों, आयुर्वेदिक चिकित्सा और घरेलू उपचार में भी किया जाता है।
प्राचीन काल से ही, हमारे देश में हल्दी का उपयोग केवल व्यंजनों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका इस्तमाल धार्मिक अनुष्ठानों, आयुर्वेदिक चिकित्सा और घरेलू उपचार में भी किया जाता है।
विशेष रूप से हल्दी वाला दूध हर भारतीय घर में आम है। और हर कोई इस सदियों पुराने स्वास्थ्यवर्धक पेय का सेवन बचपन से करता आ रहा है। जब भी हमें चोट लगती है या खांसी होती है तो हमारी मां हमें हल्दी वाला दूध जरूर पिलाती है। हल्दी न केवल हमारे भोजन को स्वादिष्ट और रंग देती है, बल्कि यह एक ऐसा मसाला है जिसमें कई सारे फायदे छुपे होते हैं।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम हल्दी के बारे में बात करेंगे, जानेंगे कि हल्दी क्या है?, इसके पोषक तत्व, इसके औषधीय गुण, इसके उपयोग, इसका आयुर्वेदिक महत्त्व और हल्दी के स्वास्थ्य से जुड़े फायदे, जो इसे हर भारतीय किचन में विशेष महत्त्व देते हैं।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम हल्दी के बारे में बात करेंगे, जानेंगे कि हल्दी क्या है?, इसके पोषक तत्व, इसके औषधीय गुण, इसके उपयोग, इसका आयुर्वेदिक महत्त्व और हल्दी के स्वास्थ्य से जुड़े फायदे, जो इसे हर भारतीय किचन में विशेष महत्त्व देते हैं।
Table of Contents
- हल्दी क्या होती है? | What is Turmeric in Hindi?
- हल्दी का वैज्ञानिक नाम |Turmeric scientific name and family
- हल्दी का भारतीय भाषाओं में नाम | Turmeric Hindi meaning in Other Indian languages
- हल्दी का पौधा कैसा होता है | Turmeric plant/tree in Hindi
- हल्दी के पोषक तत्व | Nutrients in Turmeric in Hindi
- हल्दी के औषधीय गुण | Medicinal Properties of Turmeric in Hindi
- हल्दी के उपयोग | Uses of Turmeric in Hindi
- क्या होते है हल्दी के फायदे ?(Haldi Ke Fayde) | Turmeric Benefits
- हल्दी के नुकसान | Side Effects of Turmeric/haldi in Hindi
- कैसे बनाते हैं हल्दी पाउडर? | How to make Turmeric Powder in Hindi?
- हल्दी के बारे में अन्य जानकारी | Other Information About Turmeric in Hindi
हल्दी क्या होती है? | What is Turmeric in Hindi?
हल्दी एक प्राचीन मसाला है जो कुरकुमा लौंगा की जड़ों से प्राप्त होता है, जो अदरक परिवार (ज़िंगिबेरासी) का सदस्य है[1]। इसका उपयोग भारत में वैदिक संस्कृति के लगभग 4000 साल पुराना है, जहां यह एक पाक मसाले और कुछ धार्मिक महत्व के प्रतीक के रूप में काम करता था[2]।हल्दी का उपयोग न केवल मसाले के रूप में किया जाता है, बल्कि इसकी ताजी जड़ों और पत्तियों का उपयोग भी भारतीय व्यंजनों में किया जाता है। इसके अलावा, हल्दी का इस्तमाल अचार, सब्जी या मीठे व्यंजनों में भी किया जाता है। हल्दी को ‘भारत का सुनहरा मसाला (Golden Spice of India)' भी कहा जाता है और इसका इस्तमाल हजारों वर्षों से औषधि रूप से किया जा रहा है[2]।
हल्दी का वैज्ञानिक नाम / हल्दी का दूसरा नाम | Turmeric scientific name and family in Hindi | Turmeric Botanical Name
हल्दी का भारतीय भाषाओं में नाम | Turmeric Hindi meaning in Other Indian languages | Turmeric meaning in Hindi
हल्दी का वानस्पतिक नाम (Haldi Botanical Name) कुरकुमा लौंगा (Curcuma longa Linn) है जिसे English में Turmeric कहा जाता है। आइए जानते है हल्दी को अन्य भारतीय भाषाओं में क्या कहा जाता है।
- हल्दी का नाम संस्कृत में (meaning of haldi (Turmeric) in Sanskrit) योषित्प्रिया, हट्टविलासिनी, हलदी, गौरी, अनेष्टा, हरती
- हल्दी का नाम मराठी में (meaning of haldi (Turmeric) in Marathi): हलद , हलदर ;
- हल्दी का नाम हिंदी में (turmeric in hindi meaning): हलदी, हर्दी, हल्दी;
- हल्दी का नाम उर्दू में (turmeric meaning in Urdu): हलदी;
- हल्दी का नाम आसामी में (meaning of haldi in Assamese): हलादी ;
- हल्दी का नाम कोंकणी में (meaning of haldi in Konkani): हलद ;
- हल्दी का नाम कन्नडा में (meaning of haldi (Turmeric) in Kannada): अरसिन , अरिसिन ;
- हल्दी का नाम गुजराती में (Meaning of Haldi (Turmeric) in Gujarati): हलदा ;
- हल्दी का नाम तमिल में (turmeric meaning in Tamil): मंजल ;
- हल्दी का नाम तेलुगु में (turmeric in Telugu): पसुपु , पाम्पी ;
- हल्दी का नाम बंगाली में (meaning of haldi in Bengali): हलुद , पितरस ;
- हल्दी का नाम पंजाबी में (meaning of haldi (Turmeric) in Punjabi): हलदी , हलदर ;
- हल्दी का नाम मल्यालम में (turmeric meaning in Malayalam): मन्जल , मन्नाल , पच्चामन्नाल।
हल्दी का पौधा कैसा होता है | Turmeric plant/tree in Hindi | Haldi ka Paudha
हल्दी का पौधा, जिसे Turmeric Plant भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण और उपयोग पौधा है जो अदरक परिवार (ज़िंगिबेरासी) से संबंधित है[1]। आपको बता दे तो, यह एक बारहमासी जड़ी बूटी है जो 60-90 सेमी ऊंचाई तक बढ़ जाती है[3]।
Information about turmeric plant in Hindi |
पत्तियाँ बहुत बड़ी होती हैं, गुच्छे में 1. 2 मीटर या उससे अधिक लंबी होती हैं, जिसमें पेटीओल भी शामिल है जो ब्लेड जितना लंबा, आयताकार भालाकार, और आधार से पतला होता है[3]।
हल्दी के फूल सफ़ेद,पीले होते हैं, जिनकी लंबाई 10- 15 सेंटीमीटर के बीच होती है और वे घने स्पाइक्स में एक साथ समूहित होते हैं, जो वसंत के अंत से मध्य सत्र तक दिखाई देते हैं[3]।
turmeric roots in Hindi |
हल्दी के पौधे की विशेषता है यह कि इसके पौधे पर फल नहीं लगते। इनकी जड़ें पीले-भूरे रंग की होती हैं, जिनका आंतरिक भाग नीरस नारंगी होता है जो सूखने के बाद चूर्ण करने पर चमकीले पीले रंग का दिखता है। यदि जड़ों की लंबाई की बात की जाए तो ये 2.5-7.0सेमी, और छोटे कंद शाखाओं के साथ 2.5सेमी व्यास के होते हैं।[3]
हल्दी का स्वाद कैसा होता है? | Turmeric taste in Hindi | Haldi ka swaad
हल्दी एक अद्वितीय और विशिष्ट स्वाद वाला मसाला है। विशेष रूप से, हल्दी का स्वाद और सुगंध में, मिट्टी, सरसों और एक गर्म, कड़वा, तीखा, काली मिर्च का स्वाद का अनुभव होता है।
हल्दी में मिटटी जैसा और थोड़ा कड़वा स्वाद होता है और यह इसकी खास विशेषता है। इसीलिए, अक्सर हल्दी का इस्तेमाल खाने में कम मात्रा किया जाता है, ताकि खाना कड़वा न बन जाए ।
हल्दी में गर्म, तीखा स्वाद होता है जो इसके विशिष्ट स्वाद में योगदान देता है। यह अत्यधिक मसालेदार हुए बिना व्यंजनों में सुखद गर्मी जोड़ सकता है।
हल्दी के स्वाद में कुछ खट्टा और कसैला स्वाद भी होता है।
हल्दी में थोड़ा सुगंधित गुण होता है और इसकी सुगंध काफी तीखी हो सकती है। हल्दी की सुगंध और स्वाद अक्सर भारतीय व्यंजनों से जुड़ा होता है।
हल्दी का स्वाद भारतीय खाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह खाने को स्वादिष्ट बनाने में मदद करता है।थोड़ीसी मात्रा में हल्दी पकवान का स्वाद और सुगंध, दोनों बढ़ाती है।
हल्दी को भारत में कहां उगाया जाता है? | Production of Turmeric in India
भारत दुनिया में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा अधिक होने के कारण इसे विश्व बाजार में सबसे अच्छा माना जाता है। दुनियाभर में किए जानेवाले हल्दी के उत्पादन में भारत का 80 प्रतिशत और विश्व निर्यात का 60 प्रतिशत हिस्सा है।
हल्दी भारत के विभिन्न हिस्सों में उगाई जाती है, लेकिन इसका प्रमुख उत्पादन भारत के दक्षिण और पश्चिम क्षेत्र में ज्यादा होता है। भारत में प्रमुख हल्दी उत्पादक राज्यों में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्य, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वी राज्य और महाराष्ट्र जैसे पश्चिमी राज्य भी शामिल हैं[4]।
हालही के प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के अनुसार, तेलंगाना हल्दी उत्पादन (Turmeric production)में अग्रणी राज्य है, और महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है जबकि कर्नाटक तीसरे स्थान पर है[5]।
दक्षिण भारतीय राज्य, तमिलनाडु में इरोड शहर दुनिया में सबसे अधिक हल्दी का उत्पादन करता है, इसके बाद महाराष्ट्र राज्य का सांगली जिला हल्दी का बड़ा उत्पादक है[6]।
हल्दी में कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं? | Turmeric Nutrition fact in Hindi | Nutrients in Turmeric
Source |
विशेष रूप से Haldi कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है। हल्दी में कार्बोहाइड्रेट, आहार फाइबर, विटामिन और खनिज सभी अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं। यह विटामिन बी6 से भरपूर होने के साथ-साथ कोलीन, राइबोफ्लेविन और नियासिन का भी अच्छा स्रोत है। [7]
हल्दी पाउडर(haldi powder) के अलावा, हल्दी की ताजी जड़ें विटामिन सी का एक शक्तिशाली स्रोत हैं, जो एक प्रसिद्ध शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जो मुक्त कणों और संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है।
हल्दी पाउडर(haldi powder) के अलावा, हल्दी की ताजी जड़ें विटामिन सी का एक शक्तिशाली स्रोत हैं, जो एक प्रसिद्ध शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जो मुक्त कणों और संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है।
इसके अतिरिक्त, हल्दी में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, मैंगनीज, तांबा, जस्ता और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज भी होते हैं। [7]
हल्दी में कौनसे औषधीय गुण पाए जाते हैं? | Medicinal Properties of Turmeric in Hindi
हल्दी प्रकृति की सबसे शक्तिशाली औषधियों में से एक है। हल्दी में बायोएक्टिव यौगिक करक्यूमिन घटक अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो इसके औषधीय गुणों से जुड़ा होता है। [8]
हल्दी के करक्यूमिन घटक में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर, एंटी-मेटाबोलिक सिंड्रोम, न्यूरोप्रोटेक्टिव, एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-गठिया, एंटी-वायरल, एंटी-अस्थमा, एंटी-डायबिटिक, एंटी-मोटापा, जैसे गुणों के साथ कार्डियो और यकृत विषाक्तता संरक्षण, अवसाद विरोधी, और चिंता कम करने वाले गुण भी पाए जाते है। [9]
हल्दी का प्रयोग न केवल मसालेदार व्यंजनों में, बल्कि मीठे व्यंजनों में भी किया जाता है। हम में से बहुत से लोग हल्दी का उपयोग चावल की खीर जैसे मीठे व्यंजनों में पीला रंग देने के लिए करते हैं। यह महंगे केसर के लिए अच्छा विकल्प माना जाता है। इसके अतिरिक्त, हर भारतीय घरों में हल्दी वाला दूध तैयार किया जाता है जिसे पश्चिमी दुनिया में ‘टरमेरिक लाते’ नाम से जाना जाता है।
हमारे कोकण क्षेत्र में तो यहां के लोग पातोली नामक मीठा व्यंजन बनाते हैं, जो हल्दी के पत्तों में लिपटा गुड़ और नारियल की अच्छाई से भरा हुआ होता है। आपको जानकर हैरानी होगी हमारे कोंकणी घरों में चावल की खीर जैसे मीठे व्यंजन और मछली करी जैसे मसालेदार व्यंजनों में हल्दी के कोमल पत्तों का इस्तमाल स्वाद के लिए भी किया जाता है।
हल्दी के करक्यूमिन घटक में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर, एंटी-मेटाबोलिक सिंड्रोम, न्यूरोप्रोटेक्टिव, एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-गठिया, एंटी-वायरल, एंटी-अस्थमा, एंटी-डायबिटिक, एंटी-मोटापा, जैसे गुणों के साथ कार्डियो और यकृत विषाक्तता संरक्षण, अवसाद विरोधी, और चिंता कम करने वाले गुण भी पाए जाते है। [9]
ये भी पढ़े: भारतीय मसालों की सूचि
हल्दी के उपयोग क्या हैं? | Uses of Turmeric in Hindi | Haldi Ka Upyog
हमारे देश में प्राचीन काल से ही हल्दी के पौधे (Haldi plants) के पत्ते और जड़ों का उपयोग किया जा रहा है। हल्दी का उपयोग न सिर्फ खाने में बल्कि इसका इस्तमाल आयुर्वेदिक जड़ी बूटी, धार्मिक पूजा में, शुभ कार्य करते समय, कपड़ों को रंग देने के लिए भी होता है। आइए जानते है विस्तारित रूप से हल्दी का उपयोग कैसे किया जाता है:
खाने में | Turmeric use in cooking in Hindi
परंपरागत रूप से, हल्दी एक लोकप्रिय मसाला है जिसका उपयोग करी और सब्जियों में स्वाद बढ़ाने और रंग देने के लिए किया जाता है। खासकर मसाले के डिब्बों में हमेशा अपना स्थान बनाए रखनेवाली हल्दी लगभग हर मसालेदार डिश में इस्तेमाल होती हैं। जब तक हम मसालेदार व्यंजनों में हल्दी नहीं डालते हैं, तब तक हमें पकवान का मनचाहा रंग नहीं मिलता।हल्दी का प्रयोग न केवल मसालेदार व्यंजनों में, बल्कि मीठे व्यंजनों में भी किया जाता है। हम में से बहुत से लोग हल्दी का उपयोग चावल की खीर जैसे मीठे व्यंजनों में पीला रंग देने के लिए करते हैं। यह महंगे केसर के लिए अच्छा विकल्प माना जाता है। इसके अतिरिक्त, हर भारतीय घरों में हल्दी वाला दूध तैयार किया जाता है जिसे पश्चिमी दुनिया में ‘टरमेरिक लाते’ नाम से जाना जाता है।
हमारे कोकण क्षेत्र में तो यहां के लोग पातोली नामक मीठा व्यंजन बनाते हैं, जो हल्दी के पत्तों में लिपटा गुड़ और नारियल की अच्छाई से भरा हुआ होता है। आपको जानकर हैरानी होगी हमारे कोंकणी घरों में चावल की खीर जैसे मीठे व्यंजन और मछली करी जैसे मसालेदार व्यंजनों में हल्दी के कोमल पत्तों का इस्तमाल स्वाद के लिए भी किया जाता है।
खाद्य रंग के रूप में हल्दी का उपयोग | Turmeric use as a colouring agent
हल्दी को आमतौर पर खाद्य रंग के रूप में भी प्रयोग किया जाता है और यह करी पाउडर या मसाले के मिश्रण में मुख्य सामग्री के रूप में इस्तेमाल होता है। इसकी खास बात यह है कि यह केसर का एक सस्ता विकल्प है।इसके अतिरिक्त, हल्दी का उपयोग अचार में स्वाद और रंग के लिए किया जाता है। सिर्फ यही नहीं, इसे चीज, सलाद ड्रेसिंग, मार्जरीन, दही, बेकरी उत्पाद, पॉपकॉर्न, अनाज और सॉस को रंग देने के लिए इस्तमाल किया जाता है।
हल्दी का उपयोग संधिशोथ, पुरानी पूर्वकाल यूवाइटिस, नेत्रश्लेष्मलाशोथ, त्वचा कैंसर, चेचक, चिकनपॉक्स, घाव भरने, मूत्र पथ के संक्रमण और यकृत की स्थिति के लिए एक हर्बल उपचार के रूप में किया जाता है[10]।
एक संरक्षक के रूप में | Use of turmeric as a Preservative in Hindi
हल्दी एक प्राकृतिक रोगाणुरोधी यौगिक है जो इसे एक प्राकृतिक परिरक्षक बनाता है। इसके रोगाणुरोधी गुणों के कारण, इसे प्राचीन काल से ही एक संरक्षक के रूप में उपयोग किया जाता रहा है।
ज्यादातर इसका उपयोग अचार, कुछ बेकरी उत्पादों, पनीर जैसे डेयरी उत्पादों को संरक्षित करने के लिए किया जाता है। भारत के कुछ हिस्सों में मछली को संरक्षित करने के लिए भी नमक के साथ हल्दी का उपयोग किया जाता है।
हल्दी का औषधीय उपयोग | Turmeric medicinal use in Hindi
हल्दी पृथ्वी पर सबसे कीमती और शक्तिशाली पौधों में से एक है। भारत में इसका इस्तमाल प्राचीन काल से औषधि उपचार के लिए किया जा रहा है। कैंसर से लेकर अल्जाइमर रोग तक, हल्दी कई तरह की बीमारियों के इलाज में कारगर साबित हो रही है।[10]हल्दी का उपयोग संधिशोथ, पुरानी पूर्वकाल यूवाइटिस, नेत्रश्लेष्मलाशोथ, त्वचा कैंसर, चेचक, चिकनपॉक्स, घाव भरने, मूत्र पथ के संक्रमण और यकृत की स्थिति के लिए एक हर्बल उपचार के रूप में किया जाता है[10]।
धार्मिक अनुष्ठान में | Turmeric use for religious rituals in Hindi
हल्दी कुमकुम हिंदू रीति-रिवाजों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। परंपरागत रूप से, पूजा के दौरान, देवी-देवताओं को हल्दी अर्पित की जाती है। कई हिंदू समूहों में, इसका उपयोग स्नान अनुष्ठानों में भी किया जाता है।महाराष्ट्र के जेजुरी मंदिर में, खंडोबा के तीर्थयात्री मूर्तियों और हर गुजरने वाले व्यक्ति पर हल्दी का वर्षाव करते हैं। जेजुरीचा भंडारा नाम से जाने वाले इस अनुष्ठान में खंडोबा के मूर्ति और भक्तों पर हल्दी की भारी बारिश होती है। खंडोबा के भक्तों को हल्दी में पूरी तरह से नहलाया जाता है। इस उल्हास भरे माहौल में कोई अजनबी आपको हल्दी लगाकर जाएगा ये आपको पता भी नहीं चलेगा। आप देखेंगे तो जमीन, रास्ता पूरा माहौल हल्दिमय हो जाता है।
इतनाही नहीं, भारतीय रिवाजानुसार, शादी से पहले हल्दी पाउडर को पानी में मिलाकर दूल्हा और दुल्हन की त्वचा पर लगाया जाता है। यह नए जोड़े की शुद्धि के अनुष्ठानों का प्रतीक है। खासकर, पच्छिमी और तटीय क्षेत्र के मराठी और कोंकणी लोगों के शादी में हल्दी के सूखे कंदो को धागे में बांधकर, वर और वधु के कलाई में बांधा जाता है। इतनाही नहीं, यह प्रथा कन्नड़ ब्राह्मणों द्वारा भी निभाई जाती है।
इसीतरह ही दक्षिण भारत में हिंदुओं का मानना है कि हल्दी शादी की रस्मों के दौरान विशेष रूप से शुभ होती है, इसीलिए दूल्हा दुल्हन के गले में हल्दी के घोल से रंगे हुए पवित्र धागे में बना हुआ मंगलसूत्र बांधा जाता है।
कॉस्मेटिक्स में | Use of turmeric for cosmetic purpose
पुराने समय से ऐसा माना जाता है की हल्दी लगाने से त्वचा गोरी,चमकीली और मुलायम होती है। इसीलिए कुछ लोग अपना रंग निखारने और चमक बढ़ाने के लिए हल्दी का लेप लगाते है। आजकल आपने देखा होगा कि कई प्राकृतिक रूप से बनाए गए सौंदर्य प्रसाधनों में हल्दी का इस्तमाल प्रमुख तौर पर होता है।इसके अतिरिक्त, हल्दी पाउडर का पेस्ट सदियों से एक रोगाणुरोधी के रूप में और इसकी उच्च करक्यूमिन सामग्री के कारण त्वचा की क्षति और सूजन का इलाज करने के लिए इस्तमाल किया जा रहा है। कर्क्यूमिन त्वचा देखभाल उत्पादों में एक मूल्यवान घटक है क्योंकि इसमें एंटी इन्फ्लैमटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-एजिंग गुण पाए जाते हैं। [11]
कपड़ों को रंग देने के लिए | Turmeric use for dying Clothes in Hindi
परंपरागत रूप से हल्दी का उपयोग न केवल खाना पकाने या पारंपरिक दवाओं में किया जाता है बल्कि इसका उपयोग कपड़ों को रंग देने के लिए भी किया जाता है।कपड़ों को प्राकृतिक तरीके से रंग देने के लिए हल्दी एक बेहतरीन घटक माना जाता है। इसका पीला, नारंगी रंग आग की तरह दिखता है और यह अशुद्धियों को नष्ट करने का प्रतीक है।
हल्दी प्राकृतिक रूप से सूती कपडे, रेशिम, उन पर सोने का रंग प्रदान करता है। आज भी हमारे गांव में तुलसीविवाह में कपडे को हल्दी का रंग दिया जाता है। यदि आप कपड़े को हल्दी का रंग देते है तो बार बार धोने से इसका रंग फीका पड़ जाता है।
हल्दी के फायदे (Haldi Ke Fayde) क्या होते है? | Turmeric Benefits in Hindi | Haldi Khane Ke Fayade in Hindi
Health benefits of turmeric |
हल्दी में कई सारे औषधि गुण होते है इसिलिए आयुर्वेदा में हल्दी का एक प्रमुख घटक के रूप में इस्तमाल किया जाता है। हाल ही में, वैज्ञानिकों द्वारा किए गए रिसर्च के मुताबिक हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटी कैंसर, एंटीट्यूमर आदि गुण पाए जाते है जो हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते है। आइए जानते है हल्दी के फायदे क्या होते है?
एंटीऑक्सीडेंट में उच्च | High in antioxidants -One of the turmeric Benefits in Hindi
हल्दी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। विशेष रूप से, हल्दी में करक्यूमिन नामक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो मुक्त कणों को बेअसर करने और शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करता है [11]।वही दूसरे अध्ययन की माने तो , खाना पकाने और दवा में उपयोग की जाने वाली हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट में मुक्त कणों को परिमार्जन करने और आयरन के प्रभाव को संतुलित करने की क्षमता होती है।[12]
इसके अलावा, चूहों पर किए गए एक अन्य अध्ययन में बताया गया है कि हल्दी का सेवन मधुमेह के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को नियंत्रित कर सकता है[13]।
साथ ही, हल्दी के तेल में भी एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है। वे न केवल सेरेब्रल इस्किमिया से होने वाले नुकसान से न्यूरॉन्स की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं, बल्कि अन्य ऑक्सीडेटिव तनाव से संबंधित बीमारियों के उपचार के लिए भी लाभकारी हो सकते है।[14]
मनुष्य की कई पुरानी बीमारियों में, ऑक्सीडेटिव तनाव और इसके परिणामस्वरूप होने वाली रोगजनक प्रक्रियाओं में सूजन निकटता से जुड़ी होती हैं[9]। किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि करक्यूमिन हल्दी का सक्रिय घटक है जो एक प्राकृतिक सूजन-रोधी दवा है [15]।
साथ ही, अल्जाइमर रोग , पार्किंसंस रोग, मल्टीपल स्केलेरोसिस, मिर्गी, मस्तिष्क की चोट, हृदय रोग, चयापचय सिंड्रोम, कैंसर, एलर्जी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, कोलाइटिस, गठिया, गुर्दे की इस्किमिया, सोरायसिस, मधुमेह, मोटापा जैसे पुरानी बीमारियों में सूजन होना आम बात होती है। ऐसी स्थिति में सूजन को कम करने के लिए हल्दी लाभदायक साबित हो सकती है क्योंकि इसमें एन्टीइन्फ्लैमटोरी गुण पाए जाते है।[16]
इसके अलावा, चूहों पर किए गए एक अन्य अध्ययन में बताया गया है कि हल्दी का सेवन मधुमेह के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को नियंत्रित कर सकता है[13]।
साथ ही, हल्दी के तेल में भी एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है। वे न केवल सेरेब्रल इस्किमिया से होने वाले नुकसान से न्यूरॉन्स की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं, बल्कि अन्य ऑक्सीडेटिव तनाव से संबंधित बीमारियों के उपचार के लिए भी लाभकारी हो सकते है।[14]
प्राकृतिक एंटीइन्फ्लैमटोरी गुण | Natural anti-inflammatory properties in Turmeric
सदियों से चोट लगने पर या सूजन से राहत मिलने के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है और हमारे देश के हर घरों में ये एक आम बात है।मनुष्य की कई पुरानी बीमारियों में, ऑक्सीडेटिव तनाव और इसके परिणामस्वरूप होने वाली रोगजनक प्रक्रियाओं में सूजन निकटता से जुड़ी होती हैं[9]। किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि करक्यूमिन हल्दी का सक्रिय घटक है जो एक प्राकृतिक सूजन-रोधी दवा है [15]।
साथ ही, अल्जाइमर रोग , पार्किंसंस रोग, मल्टीपल स्केलेरोसिस, मिर्गी, मस्तिष्क की चोट, हृदय रोग, चयापचय सिंड्रोम, कैंसर, एलर्जी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, कोलाइटिस, गठिया, गुर्दे की इस्किमिया, सोरायसिस, मधुमेह, मोटापा जैसे पुरानी बीमारियों में सूजन होना आम बात होती है। ऐसी स्थिति में सूजन को कम करने के लिए हल्दी लाभदायक साबित हो सकती है क्योंकि इसमें एन्टीइन्फ्लैमटोरी गुण पाए जाते है।[16]
ऐसेमें यह कहना गलत नहीं होगा कि हल्दी सूजन और दर्द से राहत पाने के लिए लाभकारी हो सकती है।
हल्दी के फायदे गठिया के लिए | Turmeric benefits for Arthritis in Hindi
कई किए गए शोध से संकेत मिलता है कि गठिया में हल्दी का इस्तमाल आपके लिए लाभदायक हो सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस , रुमेटीइड गठिया, गाउटी आर्थराइटिस गठिया के मुख्य प्रकार हैं जिसमें सूजन, जोड़ों में दर्द होना आम बात है।हल्दी में पाए जानेवाले करक्यूमिन घटक के एंटी-इंफ्लेमेटरी और कार्टिलेज-प्रोटेक्टिंग गुणों के कारण, यह जोड़ों की सूजन को कम कर सकता है और दर्द के लक्षणों से भी राहत दिला सकता है।[15]
साथ ही एक अन्य शोध से पता चलता है कि मुक्त कण, जोड़ों और जोड़ों के आसपास के ऊतकों में पुरानी सूजन में भूमिका निभाते है जो गठिया का कारण बन जाता है। इसके अतिरिक्त, हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो शरीर में कोशिका को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करते हैं।[3]
साथ ही एक अन्य शोध से पता चलता है कि मुक्त कण, जोड़ों और जोड़ों के आसपास के ऊतकों में पुरानी सूजन में भूमिका निभाते है जो गठिया का कारण बन जाता है। इसके अतिरिक्त, हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो शरीर में कोशिका को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करते हैं।[3]
प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए हल्दी के फायदे | Benefits of turmeric for boosting immunity in Hindi
हल्दी एक पारंपरिक भारतीय मसाला है जिसका भारतीय भोजन में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। यह न केवल भोजन में बल्कि पारंपरिक चिकित्सा में भी इस्तमाल किया जाता है।बीमारियों से लढने के लिए हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाना जरुरी होता है। प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देना वायरस द्वारा संक्रमण के नियंत्रण में फायदेमंद हो सकता है।[17]
शोध से पता चलता है कि अपने शक्तिशाली एंटी-माइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ, हल्दी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की बीमारी से लड़ने की क्षमता को भी बढ़ाती है, साथ ही यह वायरस और बैक्टीरिया को पुन: उत्पन्न करने की क्षमता में बाधा डालती है[18]। यह जानते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि हल्दी के फायदे बेहतर प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए भी लाभकारी हो सकते है।
साथ ही एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन घटक एंटीइंफ्लेमटरी गुणों के साथ साथ इम्यूनोमॉड्यूलेटरी एजेंट के रूप में भी काम कर सकता है[19]।
शोध से पता चलता है कि अपने शक्तिशाली एंटी-माइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ, हल्दी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की बीमारी से लड़ने की क्षमता को भी बढ़ाती है, साथ ही यह वायरस और बैक्टीरिया को पुन: उत्पन्न करने की क्षमता में बाधा डालती है[18]। यह जानते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि हल्दी के फायदे बेहतर प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए भी लाभकारी हो सकते है।
साथ ही एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन घटक एंटीइंफ्लेमटरी गुणों के साथ साथ इम्यूनोमॉड्यूलेटरी एजेंट के रूप में भी काम कर सकता है[19]।
इन अध्ययनों से पता चलता हल्दी के फायदे प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए देखे जा सकते है। फिर भी, हल्दी को अपने आहार में शामिल करने से पहले अपने स्वास्थ देखभाल पेशेवर
वजन कम करने के लिए हल्दी के फायदे | turmeric benefits for losing weight in Hindi
वजन बढ़ने से हमें मधुमेह, हृदय रोग और सूजन कुछ चयापचय संबंधी समस्याएं होती हैं। इसीलिए हमारा वजन बढ़ने से रोकने के लिए कैलोरी का सेवन सिमित मात्रा में करना और साथ साथ शारीरिक गतिविधि को बढ़ाना जरुरी होता है।कई बीमारियों के उपचार में लाभदायक मानी जानेवाली हल्दी वजन कम करने के लिए भी गुणकारी हो सकती है। अध्ययन की माने तो, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन घटक लिपिड चयापचय को नियंत्रित कर सकता है, जो मोटापे के उभरने और इसके दुष्प्रभावों के लिए महत्वपूर्ण है।[20]
सिर्फ यही नहीं, एक और अन्य अध्ययन में यह भी बताया गया है कि मेटाबोलिक सिंड्रोम और संबंधित विकारों वाले रोगियों में करक्यूमिन का सेवन बॉडी मास इंडेक्स, वजन, और कमर की चौड़ाई कम कर सकता है[21]।
इन सारे अध्ययन को देखते हुए हम ये कह सकते है कि हल्दी के फायदे वजन कम करने के लिए भी हो सकते है।
शोध बताता है कि हल्दी में पाया जानेवाला करक्यूमिन नामक महत्वपूर्ण घटक रोगाणु विरोधी एजेंट के रूप में कार्य कर सकता है और यह अलग अलग प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस को रोकने में मदद कर सकता है[23]।
इतनाही नहीं, हल्दी से बना माउथवाश मुंह में पाए जानेवाले बैक्टीरिया को भी कम करने में मदद कर सकता है[9]।
कभी-कभी कोई बाहरी चोट न होने पर भी रक्तप्रवाह में रक्त के थक्के बन जाते हैं, परिणामस्वरूप रक्त धमनियों में रूकावट होती है। इससे दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी खतरनाक जटिलताएं हो सकती हैं [24]। इस जटिलताओं को कम करने के लिए हल्दी लाभदायक हो सकती है क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों में रक्त के थक्कों के एकत्रीकरण को रोक सकती है[22]।
अन्य संशोधन में यह बताया गया है कि मधुमेह में होने वाले ह्रदय से संबंधित जटिलताओं को कम करने के लिए हल्दी लाभदायक साबित हो सकती है। इसी अध्ययन के अनुसार, हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन, एड्रियामाइसिन के कारण होने वाले कार्डियोटॉक्सिसिटी को कम कर सकता है।[25]
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन मधुमेह से सम्बंधित जोखिम को कम करने में फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, चूहों पर किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि हल्दी का अर्क मधुमेह में बढ़नेवाली रक्त शर्करा को कम करता है[27]। इससे मधुमेह में फायदा मिल सकता है।
हल्दी के रोगाणु विरोधी गुण | Anti- microbial properties of Turmeric in Hindi
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में रोगाणुरोधी गतिविधि होती है जिसमें जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटिफंगल गुण शामिल हैं[22]। ऐसे में, यह कहना गलत नहीं होगा कि हल्दी का सेवन वाइरस और बैक्टीरिया से लढने में मदद कर सकता है।शोध बताता है कि हल्दी में पाया जानेवाला करक्यूमिन नामक महत्वपूर्ण घटक रोगाणु विरोधी एजेंट के रूप में कार्य कर सकता है और यह अलग अलग प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस को रोकने में मदद कर सकता है[23]।
इतनाही नहीं, हल्दी से बना माउथवाश मुंह में पाए जानेवाले बैक्टीरिया को भी कम करने में मदद कर सकता है[9]।
ह्रदय के स्वास्थ के लिए हल्दी के फायदे | Turmeric Benefits for Heart Health in Hindi
दिल का दौरा या स्ट्रोक से बचने के लिए हल्दी लाभकारी हो सकती है। एक अध्ययन में पाया गया है कि हल्दी का उपयोग खराब कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोककर सामान्य कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है[22]।कभी-कभी कोई बाहरी चोट न होने पर भी रक्तप्रवाह में रक्त के थक्के बन जाते हैं, परिणामस्वरूप रक्त धमनियों में रूकावट होती है। इससे दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी खतरनाक जटिलताएं हो सकती हैं [24]। इस जटिलताओं को कम करने के लिए हल्दी लाभदायक हो सकती है क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों में रक्त के थक्कों के एकत्रीकरण को रोक सकती है[22]।
अन्य संशोधन में यह बताया गया है कि मधुमेह में होने वाले ह्रदय से संबंधित जटिलताओं को कम करने के लिए हल्दी लाभदायक साबित हो सकती है। इसी अध्ययन के अनुसार, हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन, एड्रियामाइसिन के कारण होने वाले कार्डियोटॉक्सिसिटी को कम कर सकता है।[25]
हल्दी के फायदे मधुमेह के लिए | Haldi ke fayde madhumeh ke liye- Turmeric benefits for diabetes in Hindi
मधुमेह के लिए हल्दी का सेवन लाभदायक हो सकता है। 117 पूर्व-मधुमेह व्यक्तियों पर 9 महीने तक किए गए अध्ययन के अनुसार, पूर्व मधुमेह लोग जिनमें डाइबिटीज़ होने खतरा होता है उन लोगों में हल्दी के उपयोग से मधुमेह होने की संभावना कम हो सकती है।[26]हल्दी में मौजूद करक्यूमिन मधुमेह से सम्बंधित जोखिम को कम करने में फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, चूहों पर किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि हल्दी का अर्क मधुमेह में बढ़नेवाली रक्त शर्करा को कम करता है[27]। इससे मधुमेह में फायदा मिल सकता है।
मधुमेह के लिए हल्दी के लाभों का परीक्षण करने वाले एक अन्य अध्ययन के अनुसार, हल्दी में पाए जानेवाले करक्यूमिन घटक में प्राकृतिक सूजन-रोधी और मधुमेह विरोधी गुण होते हैं, जो इसे चिकित्सा उपचार का एक किफायती और सुरक्षित विकल्प बनाता है।[28] लेकिन ध्यान रहे कि मधुमेह में हल्दी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करे।
हल्दी के फायदे त्वचा के लिए | Turmeric benefit for Skin in Hindi
हमारे देश की महिलाए अच्छी त्वचा के लिए हल्दी का लेप लगाते है। आपको बता दे तो पारंपरिक रूप से हमारे देश में त्वचा को चमक लाने के लिए शादी के पहले वर और वधु दोनों को हल्दी लगाया जाता है। हालहि में किए गए कई अध्ययनो में त्वचा के लिए हल्दी के फायदों के बारे में बताया गया है।ऐसे ही एक अध्ययन में बताया गया है कि हल्दी में एंटी इन्फ्लैमटरी,एंटी माइक्रोबियल , एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-नियोप्लास्टिक गुण होते हैं जो स्वस्थ त्वचा के लिए लाभदायक हो सकते है[29]।
साथ ही मुँहासे, खालित्य, एटोपिक डर्माटाईटिस (त्वचा पर खुजली, त्वचा का रूखापन, लाल होना या फटना), चेहरे की फोटोएजिंग, मौखिक लाइकेन प्लेनस, प्रुरिटस, सोरायसिस, रेडियोडर्माटाइटिस और विटिलिगो त्वचा जैसे त्वचा की गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए हल्दी/करक्यूमिन का इस्तेमाल चिकित्सकीय रूप से उपयोग किया जा सकता है[29]।
सोरायसिस के नाम से जाने वाले त्वचा विकार में लाल चकतों के साथ त्वचा पर सफ़ेद रंग की पपड़ी बन जाती है और कभी कभी इसमें सूजन और खुजली भी हो जाती है[30]। इसी के उपचार में हल्दी लाभदायक हो सकती है। इसके अलावा, करक्यूमिन पाए जानेवाले एंटीऑक्सीडेंट सोरायसिस घावों के ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर सकता है[31]।
इसके अतिरिक्त, हल्दी सूजन, त्वचा कैंसर, त्वचा संक्रमण जैसे विकारों में भी हल्दी लाभदायक हो सकती है[32]। शोध के अनुसार, करक्यूमिन में मजबूत विरोधी भड़काऊ, घाव भरने और एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव होते हैं जो मुँहासे के इलाज में भी उपयोगी हो सकते हैं[33]।
पेट के लिए हल्दी के फायदे | Turmeric benefit for liver health in Hindi
हल्दी (Haldi in Hindi) में हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते है जिसके कारण यह पेट के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है[34]। सिगरेट, शराब और फास्ट फूड जैसे बहिर्जात पदार्थ पेट के अल्सर का कारण बन सकते हैं। हल्दी में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण अल्सर के कारण होनेवाली सूजन और इलाज के मददगार साबित हो सकते है[35]।साथ ही एक चूहों पर एक अध्ययन में पाया गया है कि हल्दी का अर्क में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव को दबाकर लिवर के क्षति को कम कर सकता है, साथ साथ पुरानी हेपेटोटॉक्सिसिटी के इलाज में भी लाभदायक साबित हो सकता है।[36]
हल्दी के फायदे पाचन के लिए | Haldi ke fayde digestion ke liye
आजकल गलत खानपान और बदलती जीवन शैली के कारण पाचन संबधी समस्या होना आम बात हो गई है। इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसे आतों की परेशानी, गैस, सूजन जैसे पाचन से संबंधित समस्याओं में हल्दी का उपयोग लाभकारी हो सकता है।[37]एक अध्ययन में कहा गया है कि पेट दर्द, अधिजठर असुविधा, पेट फूलना या डकार जैसे पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलने के लिए भी हल्दी का इस्तमाल लाभदायक हो सकता है।[38]
हल्दी एक कोलेगॉग है जो पित्ताशय की थैली माध्यम से पित्त के उत्सर्जन को प्रोत्साहित करता है और यकृत में पित्त का उत्पादन करता है, जो शरीर की वसा को पचाने की क्षमता को बढ़ाता है।[37] ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि हल्दी के फायदे बेहतर पाचन के लिए लाभदायक हो सकते है।
हल्दी के फायदे मष्तिष्क के लिए | Benefits of turmeric for brain in Hindi
हल्दी मस्तिष्क स्वास्थ के लिए भी लाभकारी हो सकती है। अल्जाइमर रोग एक मस्तिष्क रोग है जो बढ़ती उम्र में धीरे-धीरे सोचने और स्मृति क्षमताओं के साथ-साथ सबसे बुनियादी कार्यों को करने की क्षमता को भी कम कर देता है। ऐसे में अल्जाइमर जैसे बीमारी में हल्दी लाभदायक साबित हो सकती है।[39]क्योंकि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और लिपोफिलिक गुण अल्जाइमर मरीजों में संज्ञानात्मक कार्यों में सुधार कर सकते है।[40]
हल्दी के फायदे मस्तिष्क स्वास्थ के लिए लाभकारी हो सकते है। फिर भी, मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समग्र स्वस्थ जीवनशैली विकल्प आवश्यक है।
यदि आपको मस्तिष्क स्वास्थ्य संबधी चिंताए है तो हल्दी को अपने आहार में शामिल करने से पहले अपने स्वास्थ संबधी चिकिस्तक को जरूर परामर्श करे।
हल्दी के नुकसान क्या होते हैं? | Side Effects of Turmeric in Hindi | Haldi khane ke Nuksan
इस पोस्ट में हमेंने हल्दी के फायदों के बारे में पहले जान लिया है। हालांकि, कुछ मामलों में हल्दी का अधिक सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। आइए जानते हैं हल्दी के सेवन से क्या नुकसान होते हैं?
एक अध्ययन से पता चला है कि हल्दी के अधिक सेवन से दस्त, सिरदर्द, दाने और पीले रंग का मल हो सकता है[41]।
हल्दी में मौजूद ऑक्सालेट्स कैल्शियम को अघुलनशील कैल्शियम ऑक्सालेट बनाने के लिए बाध्य कर सकते हैं, जिससे किडनी स्टोन का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए जिन लोगों को पथरी की समस्या है उन्हें हल्दी का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए और डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।[42]
हल्दी का अत्याधिक सेवन शरीर में लोहे के अवशोषण को कम कर सकता है| इसीलिए लोहे की कमी वाले लोगों ने इसका सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए[43]।
अगर आप खून को पतला करने वाली दवा ले रहे हैं तो हल्दी का सेवन आपके लिए खतरनाक हो सकता है क्योंकि हल्दी हल्के से खून पतला करने वाली होती है[44]।
हल्दी स्वाभाविक रूप से रक्त शर्करा के स्तर को कम करती है, यदि आप रक्त शर्करा को कम करने वाली दवा लेते हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए क्योंकि यह हाइपोग्लाइसीमिया का कारण बन सकता है[45]।
हल्दी के बारे में अन्य जानकारी | Other Information About Turmeric in Hindi
हमने इस पोस्ट में हल्दी क्या होती है, हल्दी के उपयोग, हल्दी खाने के फायदे और नुकसान के बारे में अच्छे जान लिया है। आइए आगे जानते है हल्दी के बारे में अन्य जानकारी।हल्दी पाउडर का चयन कैसे करें? | How to choose Turmeric powder in Hindi?
हल्दी का शुद्ध रूप चुनते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि कभी-कभी हल्दी में कृत्रिम रंग या रासायनिक रंग से मिलावट की जा सकती है और उस प्रकार की हल्दी का सेवन करने से हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
हल्दी एक जड़ी-बूटी है इसलिए हमारे भारतीय घरों में हल्दी का उपयोग कुछ बीमारियों को ठीक करने के लिए घरेलू उपचार के रूप में किया जाता है।
हल्दी की गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए हमेशा उसके रंग की जांच करें। अगर हल्दी का रंग फीका है तो पता चलता है की यह पुरानी है।
हमारे देश में हल्दी में मिलावट सामान्य बात है| कुछ लोग इसमें खाने का रंग,स्टार्च चाक पाउडर जैसे चीजों की मिलावट करते है और इनमें से कुछ जहरीले रसायन भी हो सकते है। इसीलिए ध्यान रखे कि अगर आपको संभव हो तो स्थानिक हल्दी बेचने वाले किसानों से हल्दी खरीद ले, यहां आपको अच्छी गुणवत्ता वाली हल्दी मिल जाएगी।
हल्दी में मिलावट है या नहीं यह जांचने के लिए आप एक सरल तरिका आजमा सकते है। आपको सिर्फ एक गिलास में गर्म पानी लेना है। उसमें आपको एक चमच हल्दी डालकर मिलाए और हिलाए बिना ऐसेही 20 मिनट तक रखना है।
हल्दी की गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए हमेशा उसके रंग की जांच करें। अगर हल्दी का रंग फीका है तो पता चलता है की यह पुरानी है।
हमारे देश में हल्दी में मिलावट सामान्य बात है| कुछ लोग इसमें खाने का रंग,स्टार्च चाक पाउडर जैसे चीजों की मिलावट करते है और इनमें से कुछ जहरीले रसायन भी हो सकते है। इसीलिए ध्यान रखे कि अगर आपको संभव हो तो स्थानिक हल्दी बेचने वाले किसानों से हल्दी खरीद ले, यहां आपको अच्छी गुणवत्ता वाली हल्दी मिल जाएगी।
हल्दी में मिलावट है या नहीं यह जांचने के लिए आप एक सरल तरिका आजमा सकते है। आपको सिर्फ एक गिलास में गर्म पानी लेना है। उसमें आपको एक चमच हल्दी डालकर मिलाए और हिलाए बिना ऐसेही 20 मिनट तक रखना है।
अगर हल्दी गिलास के नीचे बैठ जाती है तो हल्दी शुद्ध है। लेकिन पानी बादल बन जाता है तो इसमें मिलावट की आशंका होती है।
यदि आपको यह संभव नहीं है तो भरोसेमंद दुकानदारों से या अच्छे ब्रांड की हल्दी ही खरीद ले। पैक्ड हल्दी खरीद लेते समय उसकी पैकिंग तिथि और अंत तिथि जरूर जांच ले। अगर आप अच्छी गुणवत्ता वाली हल्दी चाहते है तो सुखी हल्दी को पीसकर आप घर में भी हल्दी बना सकते है।
यदि आप हल्दी की सुखी जड़े खरीदना चाहते है तो यह ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए। ज्यादा पुरानी होने पर इसमें छोटे छेद दिखाई देते है, और ये संकेत देते है की यह खराब या इसमें छोटे कीड़े है।
आपको यह बात शायद पता नहीं होगी कि न केवल हल्दी की पाउडर बल्कि हल्दी की सुखी जड़ो को भी कुछ रासायनिक पदार्थों का लेप किया जाता है। ताकि वे आकर्षक दिखे इसकी जांच करने के लिए आप हल्दी के जड़ को एक पेपर पर रखे और उसके ऊपर पानी डाले। अगर पानी डालने के बाद यदि हल्दी रंग छोड़ना शुरू कर देती है तो यह अशुद्ध हल्दी होती है।
अगर आप ताजी जड़ों से हल्दी बनाना चाहते है तो जड़ो अच्छे से धोकर इसे एक कपडे में लिपटकर उसके ऊपर हतोड़े से कुचले। और बाद में इसके छोटे छोटे हल्दी के टुकड़ो को काटकर इसे मिक्सी में पिस सकते है।
यदि आपको यह संभव नहीं है तो भरोसेमंद दुकानदारों से या अच्छे ब्रांड की हल्दी ही खरीद ले। पैक्ड हल्दी खरीद लेते समय उसकी पैकिंग तिथि और अंत तिथि जरूर जांच ले। अगर आप अच्छी गुणवत्ता वाली हल्दी चाहते है तो सुखी हल्दी को पीसकर आप घर में भी हल्दी बना सकते है।
हल्दी की जड़ें कैसे चुनें? | How to choose Turmeric roots in Hindi?
अगर आप ताजी हल्दी खरीदना चाहते हैं तो हमेशा ताजी और मजबूत जड़ों का चुनाव करें, वे नरम नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा ताजी हल्दी का रंग भी चेक करें।यदि आप हल्दी की सुखी जड़े खरीदना चाहते है तो यह ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए। ज्यादा पुरानी होने पर इसमें छोटे छेद दिखाई देते है, और ये संकेत देते है की यह खराब या इसमें छोटे कीड़े है।
आपको यह बात शायद पता नहीं होगी कि न केवल हल्दी की पाउडर बल्कि हल्दी की सुखी जड़ो को भी कुछ रासायनिक पदार्थों का लेप किया जाता है। ताकि वे आकर्षक दिखे इसकी जांच करने के लिए आप हल्दी के जड़ को एक पेपर पर रखे और उसके ऊपर पानी डाले। अगर पानी डालने के बाद यदि हल्दी रंग छोड़ना शुरू कर देती है तो यह अशुद्ध हल्दी होती है।
हल्दी को कैसे स्टोर करें? | How to store Turmeric in Hindi?
ताज़ी हल्दी को आप लंबे समय तक रखना चाहते है तो आप इसे पेपर में लपेटकर एक हवाबंद डिब्बे में भरकर रेफ्रीजिरेटर में रख सकते है। इसे आप 1 से 2 सप्ताह के लिए रख सकते है। हल्दी को आप जूट के थैली में भी लिपटकर रख सकते है।
सूखे हल्दी पाउडर (Haldi powder) को आप 1 साल तक हवाबंद कांच के डिब्बे में रख सकते है। लेकिन 5 से 6 महीने के बाद हल्दी का रंग थोड़ा फिका पड़ने शुरू होता है। इसीलिए हल्दी को स्टोर करने के लिए अच्छी गुणवत्ता की हल्दी का इस्तमाल करे।
हल्दी पाउडर कैसे बनाते हैं?| How to make Turmeric Powder in Hindi?
हल्दी की जड़ो (haldi roots )को निकलने के बाद अच्छी तरह से धोया जाता है। उसके बाद इन जड़ों को उबले पानी में डाला जाता है पकने तक रखा जाता। पकी हुई हल्दी में से पानी को छानकर उसे 10 से 15 दिनों तक अच्छी धुप में सुखाया जाता है। सूखे हल्दी को पॉलिश करके उसे बड़े मिक्सी में पिसा जाता है।अगर आप ताजी जड़ों से हल्दी बनाना चाहते है तो जड़ो अच्छे से धोकर इसे एक कपडे में लिपटकर उसके ऊपर हतोड़े से कुचले। और बाद में इसके छोटे छोटे हल्दी के टुकड़ो को काटकर इसे मिक्सी में पिस सकते है।
ताज़ी और पीसी हुई हल्दी में कौन बेहतर है? | Which is better fresh and powdered turmeric in Hindi?
हम सभी जानते हैं कि ताजी सब्जियां, जड़ें और मसाले अपने सूखे या प्रसंस्कृत समकक्षों की तुलना में अधिक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। यही बात हल्दी पर भी लागू होती है।
संक्षेप में, हल्दी(haldi) एक अद्भुत मसाला है जिसका ऐतिहासिक महत्त्व है और बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ हैं। इसका सक्रीय घटक, करक्यूमिन जिसमे कई सारे औषधीय गुण है। हल्दी केवल जादूगर ही नहीं है, बल्कि इसे अपने आहार में शामिल करके आप अपने स्वास्थ्य और कल्याण को समर्थन देने का एक स्वादिष्ट तरीका हो सकता है।
(अस्वीकरण: इस पोस्ट में दी गई जानकारी और सूचनाए सामान्य उद्देश्य के लिए हैं और ये किसी भी चिकित्सा का विकल्प नहीं है। किसी भी अधिक जानकारी के लिए अनुभवी चिकस्तक या किसी विशेषयज्ञ की सलाह जरूर ले। ये वेबसाइट इस जानकारी के लिए किसी भी तरह की जिम्मेदारी के लिए दावा नहीं करती।)