कोकम क्या है?, कोकम के उपयोग, फायदे और नुकसान | Kokum Fruit in Hindi - स्वदेशी खाओ देश बनाओ

जाने यहां कोकम के बारे में सभी जानकारी हिंदी में ( कोकम क्या है?, उपयोग, कोकम के फायदे और नुकसान हिंदी में ) All information about Kokum Fruit in Hindi (What is Kokum in Hindi? Uses of Kokum Fruit in Hindi, Benefits and Side effects of Kokum in Hindi, Other information about Kokum Fruit in Hindi)

kokum in hindi

All Information about Kokum Fruit in Hindi  भारत के कोकण क्षेत्र में गर्मी के दिनों में आम, कटहल के साथ-साथ कोकम का मौसम भी शुरू होता है। हरे रंग के टोपी के साथ रसीले, गोलाकार लाल बैंगनी रंग के कोकम के फल देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है। 

कोकम का फल जितना आकर्षित होता है उतना ही यह स्वादिष्ट और औषधि गुणों से भरपूर होता है। माना जाता है कि कोकम पाचन में सहायता करता है, वजन घटाने को बढ़ावा देता है और त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करता है। इसका उपयोग एसिडिटी, कब्ज और सूजन जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए भी किया जाता है।

खट्टे-मीठे मजेदार स्वाद के साथ कोकम शरबत गर्मी के दिनों में शरीर को ठंडक देने के साथ हमें तरोताजा कर देता है। चलिए आगे जानते है कोकम क्या है? कोकम के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी जो आपको इस रोचक फल के बारे में जानने में मदद करेगी।  

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कोकम फल क्या है ? | What is Kokum Fruit in Hindi?

कोकम (Kokum meaning in Hindi) क्लूसियासी इंडिका परिवार से संबंधित एक फल देने वाला पेड़ है[1]। इस पेड़ के फलों को कोकम (kokum) और रतंबा (ratamba) नाम से भी जाना जाता है। ये फल पकने पर गोल और लाल-बैंगनी रंग के होते हैं[2]।

कोकम फल( Kokum Fruit) दक्षिण भारत के पश्चिमी तटीय क्षेत्रों विशेषकर कोंकण क्षेत्र का मूल निवासी है और इन क्षेत्रों के अलावा शायद ही इस फल को कहीं ओर देखा जाता है[2][3]। 

अधिकतर, यह पश्चिमी घाट के उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों, कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के साथ-साथ गोवा और दक्षिण कर्नाटक में भी पाया जाता है।[1]

Kokum, एक ऐसा फल है जिसका उपयोग आम तौर पर ताजा ही नहीं किया जाता, बल्कि पारंपरिक रूप से पश्चिमी घाट क्षेत्र में सिरप बनाने और विभिन्न तैयारियों में सुखाकर खट्टा एजेंट के रूप में भी उपयोग किया जाता है।

कोकम फल का उपयोग (uses of kokum) ज्यादातर कोंकणी व्यंजनों में इमली और नींबू के समान खटास बढ़ाने वाले मसाले (Kokum Masala) के रूप में बड़े पैमाने पर किया जाता है[1]। इसका उपयोग अक्सर दाल, मछली करी, सोलकढी, कोकम सिरप, विभिन्न चटनी और अचार में किया जाता है।

पाक उपयोगों के अलावा, कोकम को हाल ही में इसके औषधीय गुणों के लिए भी महत्व दिया गया है। ऐसा माना जाता है कि यह पाचन में सहायता करता है, एसिडिटी से राहत देता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं[4]।

आपको बता दे तो कोकम का आयुर्वेद में एक लंबा इतिहास रहा है और आमतौर पर विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसका उपयोग किया जाता है।[4] इसके अलावा, फल के बीजों से प्राप्त कोकम बटर का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों में मॉइस्चराइजर के रूप में किया जाता है[1]।

कोकम के अन्य नाम  | Name/Meaning of Kokum Fruit in Indian Languages

कोकम का वानस्पतिक नाम(botanical name of kokum fruit)गार्सिनिया इंडिका है। इसे इंग्लिश में Kokum Fruit, Goa butter tree, Kokum butter tree इन नामों से जाना जाता है। वही, हमारे यहां इसे रातांबा कहा जाता है। आइए जानते है भारतीय भाषाओं में कोकम को क्या कहा जाता है।
  • कोकम का नाम संस्कृत में (Kokum fruit name / meaning in Sanskrit): वृक्षामिया, वृक्षमला, अमल बिजा, रक्तविक्षमला, अमलापुर, अमला शाक;
  • कोकम का नाम हिंदी में (Kokum fruit meaning in Hindi): कोकुम;
  • कोकम का नाम मराठी में (Kokum fruit in Marathi): रतंबा, अमसूल, कोकम, भेरूंडा;
  • कोकम का नाम तुलु में (Kokum fruit name / meaning in Tulu): पुनर्पूली;
  • कोकम का नाम तमिल में (Kokum fruit meaning in Tamil): भिरंडा, मुरगल, मुरगल-माला;
  • कोकम का नाम मलयालम में (Kokum fruit name / meaning in Malayalam): कट्टम्पी;
  • कोकम का नाम कन्नड़ में Kokum fruit meaning in Kannada): मुर्गिना, पुनर्पूली, देवना हुलि;
  • कोकम का नाम उड़िया में (Kokum fruit in Odia): टिंटली;
  • कोकम का नाम गुजराती में (Kokum meaning in Gujarati): कोकुम, कोकानी, भिरीन।

कोकम का पेड़ कैसा होता है ? | About kokum tree/plant in Hindi 

कोकम का पेड़((Kokum tree) क्लूसियासी (Clusiaceae) परिवार से संबंधित एक सदाबहार पेड़ है[1]। यह आमतौर पर 15-20 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ता है[1][2]।

kokum tree in hindi

कोकम का पेड़(kokum tree) एक सजावटी, पिरामिड के आकार का सदाबहार पेड़ है जिसमें घनी छतरी और हरे-भरे पत्ते होते हैं, और लाल रंग की कोमल उभरी हुई पत्तियां भी होती हैं।[2] पत्तियाँ अंडाकार से आयताकार, लांसेलेट, चौड़ी, ऊपर से गहरे हरे और नीचे हल्के रंग की होती हैं, जिनकी लंबाई 6.25 से 8.75 सेमी और चौड़ाई 2.5 से 3.75 सेमी होती है।[1]

kokum fruit leaf in Hindi

Kokum के पेड़ का तना काले रंग का होता है और इसकी लकड़ी भूरे सफेद रंग की होती है। इसकी छाल हल्की भूरी, बहुत पतली और चमकदार होती है[5]। 

kokum tree trunk in hindi

तने से, एक से अधिक कई प्राथमिक शाखाएँ निकलती हैं और वे झुकी हुई होती हैं। साथ ही, इन शाखाओं की छोटी-छोटी उपशाखाएँ भी होती हैं[3]।

kokum tree branches in Hindi

कोकम के पेड़ के गहरे हरे पत्ते, झुकी हुई शाखाएँ और पिरामिड आकार इस पतले पेड़ को जंगल या बगीचे में बहुत सुंदर बनाते हैं[6]। 

kokum flower in Hindi

नवंबर से फरवरी के महीने में पेड़ पर फूल आने शुरू हो जाते हैं[1]। एकान्त या फैले हुए अग्र भाग के साथ फूल अक्षीय या टर्मिनल हो सकते हैं। बाह्यदल चार पंखुड़ियों वाले, मोटे और मांसल होते हैं। नर फूलों में कई पुंकेसर और दो-कोशिका वाले परागकोष होते हैं, जबकि मादा फूल बिना डंठल वाले या छोटे डंठल वाले होते हैं[2]।

kokum fruits in Hindi

कोकम के फल(kokum fruit) नुकीले सिरे और चार भागों वाले डंठल के साथ गोल, आयताकार या अंडाकार होते हैं। कच्चे फल (raw kokum fruit) गहरे से हल्के हरे रंग के होते हैं और पूरी तरह पकने पर लाल, पीले, या बैंगनी रंग के होते हैं[4]।

कोकम का फल कैसा होता है ? | Kokum Fruit in Hindi

कोकम फल(kokum fruit)  छोटे से मध्यम, लगभग एक छोटे बेर या नींबू के आकार का होता है। इसकी बाहरी त्वचा चिकनी, पतली होती है जो पकने पर हरे से गहरे बैंगनी या लाल-काले रंग में बदल जाती है[4]।

Kokum के तीन मुख्य भाग होते हैं: छिलका, गूदा और बीज। छिलके में उच्चतम स्तर का जैन्थोन होता है। गूदा थोड़ा रेशेदार होता है लेकिन पकने पर नरम हो जाता है, और बीज सफेद गूदे के भीतर पाए जाते हैं[2]।

फल आकार में गोल या थोड़े आयताकार होते हैं, जिनका व्यास आमतौर पर 2.5-3.75 सेमी होता है। पकने पर फल गहरे बैंगनी रंग के होते हैं और इनमें 5-8 बड़े बीज (kokum seeds) होते हैं।[1

कोकम का स्वाद | Taste of kokum fruit in Hindi 

कोकम फल (kokum fruit) अपने विशिष्ट स्वाद के लिए जाना जाता है और इसे भारतीय व्यंजनों में, विशेषकर पश्चिमी तटीय क्षेत्र में, व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यह हाइड्रोक्सी सिट्रिक एसिड (HCA) और साइट्रिक एसिड जैसे अन्य कार्बनिक अम्ल की उपस्थिति के कारण अपने खट्टे और तीखे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है[7][8]।

पके फलों का स्वाद मीठा-खट्टा होता है। इसमें काफी मात्रा में मैलिक एसिड(malic acid), थोड़ी मात्रा में टार्टरिक( tartaric acid) और साइट्रिक एसिड (citric acid) होता है[9][2]। मैलिक एसिड की उच्च सामग्री और टार्टरिक और साइट्रिक एसिड की थोड़ी मात्रा फल को एक सुखद खट्टा स्वाद देती है[10]।

कोकमस्वाद में खट्टा होता है लेकिन इसके छिलके से मीठी खुशबू आती है[2]। कोकम में मिठास, खटास और तीखापन का अद्भुत मिश्रण है।

कोकण क्षेत्र में ज्यादातर स्वाद के लिए सूखा कोकम (dried kokum fruit) का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर दाल, मछली करी, और विभिन्न अन्य खाद्य तैयारियों में खट्टी सामग्री के रूप में कोकम इस्तमाल होता है। यह भोजन में खट्टा स्वाद प्रदान करता है।

हालांकि, जब कोकम को कच्चा या बड़ी मात्रा में खाया जाता है, तो उसका स्वाद थोड़ा कड़वा हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर इसके खट्टेपन से ढक जाता है ।

भारत में कोकम कहा पाया जाता है? | Where are Kokum trees mostly found in India?

कोकम का पेड़ (kokum tree) भारत के उष्णकटिबंधीय वन क्षेत्रों का मूल निवासी है। ज्यादातर कोकम के पेड़ पश्चिमी तटीय क्षेत्रों और महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और केरल के साथ-साथ पश्चिम बंगाल, असम आदि राज्यों में भी पाए जाते हैं।

कोकम के पेड़ आपको जंगल में, नदी के किनारों पर, या पहाड़ी पर देखने को मिलेंगे। आजकल कोकम के औद्योगिक महत्व के कारण लोग इसकी खेती भी करने लगे हैं।

महाराष्ट्र के तटीय कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों से कोकम किस्म को जीआई (भौगोलिक संकेत) के रूप में नामित किया गया है। इसके बढ़ते महत्व के कारण आजकल इसे भारत के अन्य क्षेत्रों में भी उगाया जा रहा है।

कोकम का पोषण मूल्य | Nutritional value of Kokum fruit in Hindi 

कोकम (kokum), जिसे गार्सिनिया इंडिका (Garcinia indica) नाम से भी जाना जाता है, भारत के पश्चिमी घाट क्षेत्र का मूलनिवासी फल है। आमतौर पर इसे अपने खट्टे स्वाद के लिए भारतीय व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। इसमें स्वाभाविक रूप से वसा और कैलोरी कम होती है। कई अन्य फलों की तरह, कोकम के छिलके में भी फाइबर होता है[9]।

इसके अलावा, कोकम में विटामिन सी, थायमिन (बी 1), राइबोफ्लेविन (बी 2), नियासिन (बी 3), और विटामिन (बी12) होता है[9]। विटामिन बी1 पाचन में सहायता करता है, विटामिन बी3 कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, और विटामिन बी12 स्वस्थ रक्त और तंत्रिका कार्य को बनाए रखने में मदद करता है।[9]

आपको बता दे तो कोकम में मौजूद विटामिन सी अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है। साथ ही, इसमें पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और फास्फोरस जैसे खनिज भी होते हैं[9]।

कोकम फलों से निकाले गए मक्खन (kokum butter) में स्टीयरिक एसिड(Stearic acid), ओलिक एसिड(Oleic acid), पामिटिक एसिड( Palmitic acid), लिनोलिक एसिड(Linoleic acid), हाइड्रोक्सी सिट्रिक एसिड(Hydroxycitric acid) और मिरिस्टिक एसिड(Myristic acid) होते हैं जो सौंदर्य प्रसाधन उत्पादों में फायदेमंद होते हैं।[9]

कोकम के औषधीय गुण | Medicinal Properties of Kokum in Hindi

कोकम फल (amsul in hindi) में एंथोसायनिन, हाइड्रोक्सी सिट्रिक एसिड और गार्सिनोल जैसे बायोएक्टिव यौगिक होते हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-म्यूट जेनिक, एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो औषधीय लाभ प्रदान करते हैं।[11] इसके अलावा, इसमें मोटापा-रोधी गुण भी होते हैं[12]।

परंपरागत रूप से, कोकम का उपयोग दस्त, सूजन, त्वचा रोग, आंतों की समस्या, आमवाती दर्द और अत्यधिक पसीना जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए हर्बल दवा के रूप में किया जाता है[13]।

कोकम के छिलके(kokum rind) से प्राप्त रस का उपयोग बवासीर, पेट के दर्द, पेचिश और दस्त के इलाज के लिए किया जाता है[14]। साथ ही, Kokum butter का उपयोग घाव भरने, त्वचा की लोच बहाल करने और मॉइस्चराइजिंग के लिए किया जाता है। इतनाही नहीं, कोकम की पत्तियों का उपयोग त्वचा के अल्सर, अपच और हाइपरप्लासिया के लिए भी किया जाता है[13]।


कोकम के फायदे | Health Benefits of Kokum fruit in Hindi

अपनी पाक विविधता के अलावा, कोकम अपनी औषधीय विशेषताओं पहचाना जाता है, जो विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। कोकम का उपयोग पारंपरिक रूप से पाचन संबंधी समस्याएं, सूजन और त्वचा की स्थितियों सहित विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। कोकम वजन कम करने और समग्र स्वास्थ्य में अपने संभावित लाभों के कारण लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। हालांकि, हाल के कई अध्ययनों ने कोकम के संभावित स्वास्थ्य लाभों की जांच की है। शोध के अनुसार, कोकम के स्वास्थ्य लाभ यहां दिए गए हैं:

पाचन के लिए कोकम के फायदे | digestive benefit of kokum 

कोकम पारंपरिक रूप से अपने पाचन संबंधी लाभों के लिए जाना जाता है। कोकम जूस (kokum juice) और इसके अर्क (kokum extract) का उपयोग पेट और यकृत विकारों और गैस्ट्रिक समस्याओं जैसे एसिडिटी, पेट फूलना, कब्ज और अपच के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जाता है[15][2]।

इसके अलावा, कोकम में पाए जाने वाले गार्सिनोल (garcinol) में सूजन-रोधी गुण होते हैं जो पाचन तंत्र में सूजन में फायदेमंद हो सकते हैं[16]। पाचन तंत्र में सूजन से गैस्ट्रिटिस, आंतो की सूजन (IBD) जैसी स्थितियां हो सकती हैं[17]।

चूहों पर किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि कोकम में एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण अल्सर को ठीक करने के गुण भी हो सकते हैं[18]। इसके अलावा, कोकम, एक आहार फाइबर युक्त भोजन है, जो मल त्याग में सहायता करता है और नियमितता को बढ़ावा देता है और संभावित रूप से कब्ज को रोकता है[9][19]।

कोकम में गार्सिनोल(garcinol) के कारण लीवर में ग्लूटाथियोन-एस-ट्रांसफेरेज़ और क्विनोन रिडक्टेस में वृद्धि हुई, जो तेजी से विषहरण प्रक्रिया को दर्शाता है जो स्वस्थ पाचन में मदद करता है[20][21]। इन निष्कर्षों से पता चलता है कि कोकम बेहतर पाचन और समग्र स्वास्थ्य में मदद कर सकता है।

एंटीऑक्सीडेंट गुण | Rich in Antioxidants 

कोकम एंटीऑक्सीडेंट का एक शक्तिशाली स्रोत है, जो हानिकारक मुक्त कणों को बेअसर करने, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने और सेलुलर क्षति को रोकने में महत्वपूर्ण है[22][15]।

इसके अलावा, कोकम में विभिन्न बायोएक्टिव यौगिक जैसे एंथोसायनिन( Anthocyanins), ज़ैंथोन (xanthones), विटामिन सी, फ्लेवोनोइड और पॉलीफेनोल शामिल हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट क्रिया होती है[9][22][23]।

एक अध्ययन से पता चला है कि कोकम फल(kokum fruits) और इसका सिरप(kokum syrup) अन्य फलों के तुलना में सस्ता है और आसानी से उपलब्ध होता है, इसमें बेहतर एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि और औषधीय गुण भी हैं[24]।

इस प्रकार, कोकम(kokum) या कोकम-आधारित उत्पादों(kokum product) जैसे जूस या सप्लीमेंट का सेवन एंटीऑक्सीडेंट प्रदान कर सकता है, जो कोशिकाओं को क्षति से बचा सकता है और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ा सकता है।

वजन घटाने में कोकम के फायदे | Weight loss benefit of kokum fruit in Hindi 

कोकम पारंपरिक रूप से आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्व रखता है। कई मौजूदा अध्ययनों से संकेत मिला है कि इसमें वजन घटाने के लिए प्राकृतिक मदद की क्षमता है।

अध्ययन से पता चला है कि कोकम में पाया जाने वाला हाइड्रोक्सी सिट्रिक एसिड (HCA) एंजाइम एटीपी-साइट्रेट लाइसेज़ (ATP-citrate lyase) को रोक सकता है जो कार्बोहाइड्रेट को वसा में परिवर्तित करता है। इस एंजाइम को अवरुद्ध करने के परिणामस्वरूप, कोकम वसा को इकट्ठा होने से रोककर वजन घटाने में सहायता कर सकता है।[15]

वहीं, अन्य अध्ययन के अनुसार हाइड्रोक्सी सिट्रिक एसिड भूख को कम करता है, वसा उत्पादन को रोकता है, भोजन का सेवन कम करता है और शरीर का वजन कम करता है[25]।

इसके अलावा, कोकम में पाए जाने वाले गार्सिनोल(garcinol) में मोटापा-विरोधी गुण पाए गए हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि गार्सिनोल मोटापे के लिए एक आशाजनक उपचार है जो एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (endoplasmic reticulum) तनाव को नियंत्रित करता है।[26]

भारत के तटीय क्षेत्रों में गर्मियों में कोकम जूस का सेवन अक्सर ताज़ा पेय के रूप में किया जाता है। हाइड्रेटेड रहना समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है और वजन घटाने में भी मदद करता है[27][28]।

इन अध्ययनों को जानते हुए आप कह सकते हैं कि वजन घटाने के लिए कोकम के फायदे लाभकारी हो सकते हैं। फिर भी, कोकम के वजन घटाने के लिए संभावित फायदों के लिए मानव नैदानिक ​​​​परीक्षणों की आवश्यकता है।

हृदय स्वास्थ्य और कोकम के लाभ | Kokum benefit for heart health  

अन्य लाभों की तरह, कोकम में हृदय स्वास्थ्य के लिए भी संभावित लाभ हैं। शोध से संकेत मिलता है कि बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन और पोटेशियम, मैंगनीज और मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर कोकम, हृदय गति और रक्तचाप को प्रबंधित करने में सहायता कर सकता है[20]।

कोकम में मौजूद पोटेशियम रक्तचाप कम करने में मदद कर सकता है जो हृदय रोग और स्ट्रोक का एक बड़ा खतरा है[9][29]। इसके अलावा, कोकम में पाए जाने वाले सायनाइडिन-3-ग्लूकोसाइड (cyanidin-3-glucoside) प्रमुख रंगद्रव्य में रक्तचाप (blood pressure) कम करने और प्रबंधन प्रभाव हो सकते हैं[25]।

कोकम हाइड्रोक्सी सिट्रिक एसिड, एंथोसायनिन और गार्सिनोल जैसे यौगिकों से समृद्ध है जिनमें एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि होती है[23]। एंटीऑक्सीडेंट शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं, जो हृदय संबंधी विकारों में योगदान देता है[4]।

विशेष रूप से, एंथोसायनिन (anthocyanins), एक प्रकार का फ्लेवोनोइड है जो फलों को लाल और बैंगनी रंग देता है। यह एस्कॉर्बिक एसिड (ascorbic acid) ऑक्सीकरण को रोकने, मुक्त कणों को हटाने, ऑक्सीडेटिव एंजाइमों को रोकने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में प्रमुख भूमिका निभाता है[11]।

त्वचा के लिए कोकम के लाभ | Kokum ke fayde for skin health

जैसे-जैसे हमारी त्वचा की उम्र बढ़ती है, इलास्टेज एंजाइम के कारण त्वचा की लोच कम हो जाती है। परिणामस्वरूप, त्वचा ढीली हो जाती है और जबकि हयालूरोनिक एसिड (hyaluronic acid) भी कम हो जाता है, जिससे त्वचा शुष्क और झुर्रीदार हो जाती है।

कोकम फल के छिलके (kokum rind) में गार्सिनोल (garcinol) और कैंबोगिओल ( cambogiol) जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इसमें एंटी-हायलूरोनिडेज़ (anti-hyaluronidase) और एंटी-इलास्टेज (anti-elastase) गतिविधि भी होती है, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में देरी कर सकती है[4]।

इसके अलावा, कोकम सिरप का उपयोग पारंपरिक रूप से भारत के तटीय क्षेत्रों में सूरज और उष्णकटिबंधीय जलवायु के कारण त्वचा की क्षति और एलर्जी को रोकने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग त्वचा संक्रमण और घाव भरने के लिए भी किया जाता है[23]।

अध्ययन के अनुसार कोकम में मौजूद एंथोसायनिन में रोगाणुरोधी (antimicrobial) गतिविधि होती है। यह त्वचा संक्रमण के लिए जिम्मेदार, बैक्टीरिया और फंगी से लड़ने के लिए फायदेमंद हो सकती है[30]।

साथ ही, कोकम के बीज से प्राप्त कोकम बटर(kokum butter), फैटी एसिड, विशेष रूप से स्टीयरिक और ओलिक एसिड का एक समृद्ध स्रोत है, जो त्वचा को पोषण और मॉइस्चराइज करता है, सूखापन और खुरदरापन को रोकता है[31]।

एक अन्य अध्ययन बताता है कि कोकम बटर में एमोलिएंट्स गुण (emollient properties) होते हैं, जिसका अर्थ है कि यह आपकी त्वचा को नरम और मुलायम बनाने में मदद करता है[15]।

त्वचा की सतह पर एक ढाल बनाकर, यह नमी बनाए रखने और पानी को बाहर निकलने से रोकने में मदद करता है। परिणामस्वरूप, त्वचा नरम, और अधिक कोमल होती है[32]।

इसके अलावा, एक अध्ययन में पाया गया कि सूखी और फटी एड़ियों पर 15 दिनों तक दिन में दो बार कोकम बटर (kokum butter) लगाने से स्थिति के लक्षणों में काफी सुधार हुआ [33]। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अन्य फायदों की तरह कोकम के फायदे त्वचा के लिए भी देखे जा सकते हैं।

कोकम के सूजनरोधी फायदे | Anti-inflammation benefit of kokum

परंपरागत रूप से, कोकम का उपयोग लंबे समय से सूजन को कम करने के लिए किया जाता रहा है[16]। कोकम में पाए जाने वाले गार्सिनोल में सूजन-रोधी और गठिया-विरोधी गतिविधि होती है। ये गुण पंजे की सूजन, गठिया सूचकांक और गठिया से जुड़े दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं[34]।

इसके अलावा, पॉलीफेनोल्स और एंथोसायनिन शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट हैं और वे सूजन-रोधी गतिविधि में फायदेमंद होते हैं[9]। चूहों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, कोकम अर्क ने कैरेजेनन-प्रेरित पंजे के सूजन वाले चूहों में महत्वपूर्ण सूजन-रोधी गतिविधि प्रदर्शित की[35]।

मनुष्यों में कोकम के सूजनरोधी प्रभाव, इसकी समृद्ध एंटीऑक्सीडेंट सामग्री और पारंपरिक उपयोग से पता चलता है कि यह सूजन को कम करने के लिए लाभ प्रदान कर सकता है।

प्रतिरक्षा प्रणाली में फायदे | Kokum benefit for immune system 

कोकम का बड़े पैमाने पर इसके एंटीऑक्सीडेंट, सूजन-रोधी और रोगाणुरोधी गुणों के लिए अध्ययन किया गया है, जो अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिरक्षा समर्थन में योगदान कर सकता है।

आपको बता दे तो, कोकम विटामिन सी और गार्सिनोल जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है[9]। एंटीऑक्सीडेंट हानिकारक मुक्त कणों को बेअसर करते हैं और ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करते हैं। वे कोशिकाओं को क्षति से बचाकर अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करते हैं[36]।

इसके अतिरिक्त, कोकम अपने रोगाणुरोधी गुणों के लिए भी जाना जाता है, जो संक्रमणों से लड़ने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। हालांकि, प्रतिरक्षा कार्य पर इसके प्रभाव को समझने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है[30]।

कोकम के नुकसान | Side effects of kokum in Hindi

हम ने इस पोस्ट में अध्ययन के अनुसार कोकम के फायदों (kokum ke fayde) के बारे में जाना है। देखा जाए तो कोकम हमें कई फायदे प्रदान कर सकता है। फिर भी, इसके अधिक सेवन से हमें कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। यहां कोकम के नुकसान के बारे में बताया है:   

प्रकृति में अम्लीय | acidic in nature

कोकम के नुकसान के बारे में बात करते हैं तो यह प्रकृति में खट्टा और अम्लीय होता है। इसके कारण यह दूध के साथ अनुकूल नहीं होता[37]। इसके अलावा, कोकम के अधिक सेवन से एलर्जी भी हो सकती है और इससे पेट में दर्द, सूजन, गैस या दस्त हो सकते हैं। कुछ मामलों में, एलर्जी प्रतिक्रियाओं से चेहरे, जीभ या गले में भी सूजन हो सकती है जिसके लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है।

दवा के साथ परस्पर प्रभाव | Medication interaction

आमतौर पर कोकम का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है। फिर भी, कोकम(kokum) की खुराक कुछ दवाओं के साथ, विशेष रूप से लीवर द्वारा चयापचय दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकती है। इसलिए व्यक्तियों को कोकम का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श करना चाहिए[38][39]।

गर्भावस्था में | In pregnancy

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए। गर्भावस्था में कोकम का सेवन करने से पहले पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

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कोकम के उपयोग  | Uses of Kokum / Value added Products of Kokum 

पश्चिम क्षेत्रीय घाट में कोकम का उपयोग सदियों से पारंपरिक चिकित्सा और व्यंजनों में किया जाता रहा है। कोकम के फल छोटे, गोल और पकने पर इसका रंग लाल-बैंगनी रंग का होता है। स्वाद में खट्टा मीठा कोकम का उपयोग ज्यादातर रसोई घरों में स्वाद के लिए किया जाता है। इसमें कई सारे औषधीय गुण और व्यावसायिक महत्व हैं। कोकम का इस्तेमाल करके आप कई उत्पाद भी बना सकते है, जिसमें अचार, कोकम सिरप, पेय, मिठाइयां, और कोकम बटर शामिल हैं। आजकल सौंदर्य प्रसाधन, कोकम पूरक जैसे उत्पादों में कोकम शामिल होता है।

सूखा हुआ कोकम | Dried Kokum Fruits

कोकम के धूप में सुखाए गए फल(amsul in hindi), जिन्हें आमसूल कहा जाता है। यह महाराष्ट्र और गोवा के कोंकण क्षेत्र में एक लोकप्रिय उत्पाद है। यह इमली या नींबू का उपयोग किए बिना करी, मछली करी, दाल, चटनी, सूप और सब्जी को थोड़ा तीखा, खट्टा स्वाद प्रदान करता है। हालांकि, कोकम का ज्यादातर उपयोग दाल और मछली करी में किया जाता है। यह अपने खट्टे-मीठे स्वाद के कारण व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाता है।

इसके अलावा, सूखे कोकम का उपयोग शरबत बनाने में भी किया जाता है। इसके छिलके को पानी में भिगोकर और बाद में, उसमें चीनी मिलाकर शरबत बनाया जाता है। विशेष रूप से गर्मी के महीनों के दौरान इस ताज़ा पेय का से इसके शीतलन गुणों के कारण आनंद लिया जाता है। साथ ही, सूखे कोकम फलों (dried kokum fruit) से सोलकढ़ी भी बनाई जाती है।

कोकम सिरप | Kokum syrup

कोकम सिरप( kokum syrup) कोकम फलों से बना एक और मूल्यवान उत्पाद है। यह जीवंत लाल-बैंगनी रंग के साथ एक तरल अर्क है जो महाराष्ट्र और गोवा के कोकण क्षेत्र में एक लोकप्रिय पाक सामग्री है।

कोकम सिरप में सूक्ष्म पुष्प रंगों के साथ एक अनोखा मीठा और खट्टा स्वाद होता है। यह विभिन्न व्यंजनों और पेय पदार्थों में ताज़ा खट्टापन जोड़ता है।

विशेष रूप से, कोकम सिरप कोकण क्षेत्र के लगभग हर घर में बनाया जाता है। जब कोकम उपलब्ध नहीं होता है तो इसका उपयोग करना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि ताजा कोकम केवल मार्च से जून तक उपलब्ध होता है।

घर का बना कोकम सिरप न केवल स्वास्थ्यवर्धक है, बल्कि बाजारों में मिलने वाले अस्वास्थ्यकर सिरप का एक अच्छा विकल्प भी है। यह लंबे समय तक भंडारण या डिब्बाबंदी के माध्यम से दीर्घकालिक उपयोग के लिए अपने स्वाद और गुणवत्ता को बरकरार रखता है।

Kokum syrup अपने शीतल प्रभाव के लिए जाना जाता है, जिससे यह गर्मी के महीनों के दौरान एक लोकप्रिय विकल्प बन जाता है। इसका उपयोग अक्सर ठंडे पेय और शरबत बनाने के लिए किया जाता है जो गर्मी से संबंधित और पाचन से संबंधित समस्याओं से निपटने में मदद करते हैं।

कोकम सिरप को अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए 1:5 के अनुपात में पानी के साथ मिलाया जाता है और नमक के साथ काला नमक या भुना हुआ जीरा पाउडर मिलाया जाता है। यह शरबत स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पाचन के लिए भी अच्छा माना जाता है।

कोकम पाउडर | Kokum Powder

कोकम पाउडर कोकम के सूखे छिलके से प्राप्त किया जा सकता है। यह अपने गहरे लाल रंग और स्वाद के लिए जाना जाता है।

विशेष रूप से, कोकम पाउडर में रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो इसे न केवल एक स्वाद बढ़ाने वाला एजेंट बल्कि एक प्राकृतिक खाद्य परिरक्षक बनाता है। कोकम पाउडर आमतौर पर सूखे, पिसे हुए छिलके के रूप में बेचा जाता है।

कोकम मक्खन | Kokum Butter from made from kokum seeds 

कोकम बटर कोकम फल के बीजों से निकाला गया प्राकृतिक मक्खन है। इसका उपयोग पारंपरिक रूप से विभिन्न पाक और औषधीय गुणों में किया जाता रहा है।

कोकम मक्खन कमरे के तापमान पर ठोस होता है लेकिन त्वचा के संपर्क में आने पर पिघल जाता है। यह आवश्यक फैटी एसिड, विशेष रूप से स्टीयरिक एसिड, ओलिक एसिड और लिनोलिक एसिड से भरपूर है[40]।

त्वचा में आसानी से अवशोषित होने के अलावा, कोकम बटर में विटामिन ई होता है, और इसमें उत्कृष्ट मॉइस्चराइजिंग और पौष्टिक गुण होते हैं[9]।

कोकम मक्खन का उपयोग त्वचा देखभाल उत्पादों जैसे लोशन, क्रीम, बाम और साबुन के साथ-साथ बालों की देखभाल और बालों को मजबूत करने के लिए उत्पादों में बड़े पैमाने पर किया जाता है।

यह शुष्क, खुजली वाली त्वचा को शांत करने, त्वचा की लोच में सुधार करने और समग्र त्वचा स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

कोकम रसम पाउडर | Kokum rasam powder

कोकम रसम पाउडर एक मसाला मिश्रण है जिसका उपयोग कोकम रसम, स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय सूप तैयार करने के लिए किया जाता है। यह दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्र में एक लोकप्रिय पारंपरिक व्यंजन है।

कोकम रसम पाउडर में कोकम पाउडर मुख्य घटक है। इसके अलावा, रसम को स्वादिष्ट बनाने के लिए कई मसाले जैसे की सूखी लाल मिर्च, काली मिर्च, जीरा, मेथी के बीज, धनिया के बीज, सरसों के बीज, और करी पत्ते का उपयोग किया जा सकता है।

मसालों का स्वाद बढ़ाने के लिए उन्हें आमतौर पर अलग-अलग भूना जाता है और फिर पीसकर बारीक पाउडर बना लिया जाता है। ये मसाले रसम की सुगंध और गहराई में योगदान करते हैं। इसके अलावा, कई लोग सूखे जड़ी-बूटियों जैसे सूखे अदरक, लहसुन, या सूखे करी पत्ते का भी उपयोग करते हैं।

कोकम रसम एक स्वादिष्ट सूप है जो पकी हुई दाल में पाउडर, पानी, इमली का अर्क, नमक और टमाटर, प्याज और हरी मिर्च जैसी अन्य सामग्री मिलाकर बनाया जाता है। मिश्रण को तब तक उबाला जाता है जब तक कि स्वाद मिश्रित न हो जाए, आमतौर पर इसे उबले हुए चावल के साथ परोसा जाता है।

कोकम अचार | Kokum Pickle

कोकम अचार कोकम से बना एक पारंपरिक व्यंजन है। आम तौर पर, कोकम का अचार नमक, चीनी, ताजा कोकम के छिलके, मिर्च पाउडर, मेथी के बीज, तेल और सरसों के बीज का उपयोग करके बनाया जाता है।

कोकम का अचार बनाने के लिए, सबसे पहले, ताजा फलों (fresh kokum) को अच्छी तरह से धोया और सुखाया जाता हैं। फिर उन्हें काटकर बीज निकाल लिया जाता हैं।

बाद में, कोकम के टुकड़ों को नमक, लाल मिर्च पाउडर, सरसों के बीज और मेथी के बीज जैसे मसालों के साथ मिलाया जाता है। इसमें लहसुन, अदरक, या अन्य सामग्रियां भी शामिल हो सकती हैं।

मिश्रण को तेल और मसालों के साथ सुगंधित होने तक गर्म किया जाता है। कभी-कभी इसमें हींग भी मिलाया जाता है। एक बार अच्छे से कोकम मिश्रण तैयार हो गया तो उसे ठंडा किया जाता है और बाद में सूखे जार में भर दिया जाता है।

स्वाद को अच्छे से लाने के लिए अचार को कुछ दिनों के लिए परिपक्व होने के लिए छोड़ दिया जाता है। कोकम के अचार को कई महीनों तक ठंडी, सूखी जगह पर स्टोर किया जा सकता है।

कोकम कार्बोनेटेड पेय | Carbonated drink of kokum in Hindi

कोकम का उपयोग(uses of kokum) आमतौर पर अचार, करी और रसम जैसे पदार्थों में किया जाता है। इसका स्वाद थोड़ा मीठा और तीखा है, जो इसे पेय पदार्थों के लिए एक आदर्श घटक बनाता है।

इस प्रक्रिया में कोकम फलों से रस निकालना या उन्हें भिगोकर या उबालकर, और फिर ठोस पदार्थों को निकालने के लिए छानना शामिल है। सबसे अच्छी बात यह है कि कोकम अर्क को चीनी या शहद जैसे प्राकृतिक मिठास के साथ मीठा किया जाता है।

बाद में, कोकम अर्क को कार्बोनेटेड पानी या सोडा पानी के साथ मिलाकर बुलबुले और ताज़गी भरा स्वाद वाला कार्बोनेटेड पेय तैयार किया जाता है। सामग्री को मिलाने के बाद कोकम कार्बोनेटेड पेय को परोसने से पहले ठंडा किया जाता है।

कोकम कार्बोनेटेड पेय को चटपटे स्वाद के लिए काले नमक या चाट मसाला जैसे मसाले या नींबू या पुदीना के साथ स्वादिष्ट बनाया जा सकता है। ताजी जड़ी-बूटियों या नींबू के स्लाइस से सजाए जाने पर यह देखने में बहुत ही आकर्षक होता है।

सौंदर्य प्रसाधन | Cosmetics products

कोकम के बीज से प्राप्त कोकम बटर (kokum butter), अपने पौष्टिक और मॉइस्चराइजिंग गुणों के कारण कॉस्मेटिक और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

कोकम मक्खन, जिसे वृक्षमाला बीज तेल के नाम से भी जाना जाता है। पारंपरिक रूप से एडिया में दरार, सूखी त्वचा, खिंचाव के निशान, घाव और पेट के अल्सर के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है[41]।

इसके अलावा, कोकम बटर अपने कोमल गुणों के लिए भी जाना जाता है जो त्वचा को नरम और हाइड्रेट करते हैं। इसलिए इसे मॉइस्चराइजर, लोशन, बॉडी लोशन और लिप बाम जैसे सौंदर्य प्रसाधनों में उपयोग किया जाता है।[42]

पारंपरिक तरीके से कोकम सिरप कैसे बनाए ? | How to make Kokum Syrup in Hindi ?

इस पोस्ट में आगे हम जानेंगे कि कोकम सिरप कैसे बनाया जाता है। इसे एक बार बनाकर आप लंबे समय तक इसका उपयोग शरबत बनाने के लिए या आइसक्रीम बनाने में कर सकते हैं। कोकम का सिरप बनाने की विधि इस प्रकार है: 

अच्छा स्वादवाला कोकम सिरप बनाने के लिए ताजे पके हुए कोकम के फलों की आवश्यकता होती है। कोकम का पेड़ ज्यादा ऊंचा होने के कारण जमीन पर पके हुए कोकम गिरने से ये जल्दी ख़राब हो जाते हैं और इससे बना हुआ कोकम सिरप जल्दी खराब हो सकता है। इसीलिए ताजे पके हुए कोकम के फलों को सावधानी पूर्वक तोड़कर बिना जमीन पर गिराए इनका इस्तमाल सिरप बनाने के लिए किया जाता है। और इसे लंबे समय तक स्टोर करके रखा जा सकता है।

कोकम सिरप(Kokum Syrup) बनाने के लिए पहले ताजे पके कोकम के फलों(fresh kokum fruits) को अच्छी तरह से धोलें। बाद में, उन्हें दो भागों में तोड़ लें और उनके अंदर का गूदा और बीज हटा दे।  इसके बाद, दो भागों में तोड़े हुए कोकम के छिलकों में उतनी ही मात्रा में चीनी भरकर बड़े कांच के बर्तन में रखकर कड़ी धुप में 8 से 10 दिनों के लिए रख लें। 

कड़ी धुप के कारण कोकम के छिलके से रस निकलता है। यह रस और चीनी एक दूसरे में मिलने से एक गाढ़ा लाल रंग का मिश्रण बन जाता है। कोकम का रस अच्छे से निकलने के बाद इसे एक पतले से सूती कपडे में छान लें। और फिरसे कांच के बोतल में या बड़े भरनी में भरकर फिरसे धुप में 10 दिन के लिए रख लें। 10 दिन के बाद आपका कोकम सिरप तैयार हो जाएगा। इसे एक अच्छे से कांच के बोतल में भरकर रख लें। आप इस सिरप को लंबे समय के लिए रख सकते हैं।

कोकम का चयन कैसे करे ? | How to choose Kokum in Hindi?

कोकम लेते समय कुछ चीजों का ध्यान जरूर ले। खासकर इसकी गुणवत्ता और परिपक्वता के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरुरी हैं। यहां कोकम चुनने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें: 

आपको बता दे तो अच्छी गुणवत्ता वाले कोकम के फलों का रंग गहरा लाल या लाल बैंगनी रंग का होता है। साथ ही, ताजे कोकम के फलों में एक विशेष चमक होती है। पूरी तरह से पके फल अधिकतर अच्छे आकार और भारी होते हैं। इसलिए हमेशा भारी फलों का ही चयन करें। 

ध्यान रखें कि कोकम का पका हुआ फल मुलायम होता है, यदि फल में कड़ापन महसूस हो रहा है, तो वह परिपक्व नहीं हो सकता।  

अगर आप सूखे कोकम खरीद रहे हैं तो ज्यादा पुराना कोकम ना ले। पुराने सूखे कोकम का रंग थोड़ा फीका होता है और हाल ही में बने हुए कोकम बहुत गाढ़े काले रंग के होते हैं। 

साथ ही, सूखे कोकम अच्छे से सुखाए हुए होने चाहिए। आप इन्हें सालभर के लिए चीनी मिट्टी के जार में या कांच के जार में सालभर के लिए रख सकते हैं। इन्हें इससे भी ज्यादा समय के लिए रखे जा सकते हैं लेकिन इनका स्वाद बाद में कम हो जाता है।

कोकम कैसे खाए?| How to eat kokum fruit in Hindi?

ताजा कोकम | Fresh Kokum Fruit in Hindi    

आप ताजे पके कोकम खा सकते हैं लेकिन स्वाद में ये खट्टा होते हैं। यदि आपको कभी कच्चे कोकम मिले तो आप इससे कढ़ी बना सकते हैं। स्वाद में यह बहुत ही स्वादिष्ट होती है। 

सूखे कोकम | dry kokum fruit 

कोकण क्षेत्र में सूखे कोकम(dry kokum fruit) का इस्तेमाल खाने में बहुत होता है। दाल हो या सब्जी, यहां के व्यंजनों में कोकम जरूर इस्तमाल होता है। हालांकि, इसका ज्यादातर इस्तेमाल मछली से बने व्यंजनों में होता हैं।आप सूखे कोकम का इस्तमाल सोलकढ़ी और शरबत बनाने के लिए कर सकते हैं।  

कोकम सिरप | Kokum syrup

कोकम के सिरप (kokum syrup) से बना शरबत खट्टे मीठे स्वाद और ठंडक देने के साथ गर्मी में पानी के कमी को भी पूरा करता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि कोकम सिरप बनाने की प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले कोकम को रस निकालने के बाद भी सेवन किया जाता है। और ये स्वाद में खट्टे मीठे होते हैं।

सोलकढ़ी | Solkadhi 

कोकण क्षेत्र में खाना खाने के बाद अच्छे पाचन के लिए सोलकढ़ी का सेवन किया जाता है। इसे सूखे कोकम या  कोकम से बने आगळ, नारियल, लहसुन, अदरक, और नमक या काला नमक से बनाया जाता है।  विशेषकर, सोलकढ़ी को मांसाहारी खाना खाने के बाद सेवन किया जाता है। 

यदि आप खाना खाने के बाद कार्बोनेटेड पेय का सेवन करते है तो इसकी जगह आप सोलकढ़ी का सेवन कर सकते हैं। यह स्वास्थ के लिए फायदेमंद हो सकती है। सोलकढ़ी न सिर्फ खाना पचाने में मदद करती है, बल्कि सुखद ठंडक के साथ ताजगीभरा एहसास भी दिला सकती है।  

इस पोस्ट में हमने कोकम क्या है ? कोकम के फायदे और नुकसान, कोकम के फायदे के बारे में जाना। अंत में, हम बताना चाहेंगे कि कोकम एक अद्वितीय स्वाद वाला फल है। यह खाने को खट्टापन जोड़ने के साथ स्वादिष्ट बनाता है। इसके कारण कोकम भारतीय व्यंजनों में एक प्रमुख सामग्री बन जाता है। खाने को स्वाद देने के अलावा, यह हमारे स्वास्थ को भी कई सारे फायदे पहुंचा सकता है।   

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(अस्वीकरण: इस पोस्ट में दी गई जानकारी और सूचनाएं सामान्य उद्देश्य के लिए हैं और ये किसी भी चिकित्सा का विकल्प नहीं है किसी भी अधिक जानकारी के लिए अनुभवी चिकित्सक या किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले ये वेबसाइट इस जानकारी के लिए किसी भी तरह की जिम्मेदारी के लिए दावा नहीं करती

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